5 अगस्त को अयोध्या में भव्य मंदिर के हो रहे शिलान्यास के सन्दर्भ में बैठक संपन्न हुई :

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    होशियारपुर : श्री भगवान परशुराम सेना एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण ऐकता परिषद के प्रदेश प्रभारी श्री आशुतोष शर्मा जी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के हो रहे शिलान्यास के सन्दर्भ में बैठक संपन्न हुई। प्रदेश प्रभारी श्री आशुतोष शर्मा ने कहा कि 482 वर्ष के कड़े संघर्ष के बाद आज पूर्ण रूप से सनातन धर्म की स्थापना का दिवस आया हैं। श्री राम जन्मभूमि पर काबिज होने के लिए जलालशाह नाम का एक फकीर महात्मा श्यामनन्द का शिष्य बनकर सिद्धियाँ प्राप्त करने लगा। जलालशाह एक कट्टर मुसलमान था, और उसको एक ही उद्देश्य था, हर जगह इस्लाम का आधिपत्य साबित करना।

    जलालशाह ने अपने गुरु की पीठ में छुरा घोंपकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा के साथ मिलकर ये विचार किया की यदि इस मदिर को तोड़ कर मस्जिद बनवा दी जाये तो इस्लाम का परचम हिन्दुस्थान में स्थायी हो जायेगा सर्वप्रथम जलालशाह ने मीरबाँकी खां के माध्यम से बाबर को उकसाकर मंदिर के विध्वंस का कार्यक्रम बनाया। रामलला की रक्षा के लिए खड़े चारों पुजारियों के सर काट कर मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाने की घोषणा की। जिस उपरांत राम भक्त भीटी के राजा महताब सिंह ने अपने एक लाख चौहत्तर हजार सैनिकों के साथ बाबर की सेना के चार लाख पचास हजार सैनिकों से 70 दिनों तक युद्ध किया। मस्जिद की नींव हिन्दुओं के खून के गारे से बनी लखौरी ईंट से रखी गई। इतना सुनते ही सनेथू नाम गाँव के पंडित देवीदीन पाण्डेय ने सूर्यवंशीय क्षत्रियों को एकत्रित कर कहा कि मूकदर्शक बन कर जीवित रहने की बजाय जन्मभूमि की रक्षार्थ युद्ध करते करते वीरगति को पाना ज्यादा उत्तम होगा। रानी जयराज कुमारी के नेतृत्व में तीन हजार वीर नारियों ने राम जन्मभूमि की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया। 1640 ईस्वी में बाबा वैष्णव दास के साथ चिमटाधारी साधुओं के चिमटे की मार से मुगलों की सेना भाग खड़ी हुई। जिस उपरांत निरन्तर मुगलों से युद्ध चलता रहा और लाखों हिन्दुओं द्वारा शहादत दी गई।

    श्री भगवान परशुराम सेना पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के उपलक्ष्य को उन फैजाबाद के सूर्यवंशीय क्षत्रियों को समर्पित करती हैं जिन्होंने कई दशकों से प्रतिज्ञा बध होते हुए श्री राम जन्मभूमि के निर्माण तक पगड़ी, जूता तथा छता का परिताज्ञ किया। इस पावन अवसर पर सेना द्वारा दीप प्रज्वलित एवं रंगोली बना दिवाली की तरह मनाया जाएगा। इस अवसर पर योगेश चौबे, अजय शर्मा, पंकज बेदी, अभिषेक ऐरी हरिश डोगरा आदि उपस्थित थे।

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