सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश, ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना पर करें विचार :

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    नई दिल्ली, जनगाथा टाइम्स : (सिमरन)

    नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना को अपनाने पर विचार करे। ताकि इस अवधि में प्रवासी श्रमिकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सब्सिडी वाला राशन मिल सके।

    बता दें कि पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़कर एक जून से देश के सभी राज्यों में वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना लागू हो जाएगी। फिलहाल यह योजना एक जनवरी से देश के 12 राज्यों में शुरू हो चुकी है। बाकी राज्यों को भी जून 2020 तक की समयसीमा दी गई है।

    जस्टिस एनवी रमना, संजय किशन कौल और बीआर गवई की पीठ ने सोमवार को दिए एक आदेश में कहा कि हम भारत सरकार को यह विचार करने के लिए निर्देशित कर रहे हैं कि क्या लॉकडाउन के इस चरण में इस योजना को लागू करना उचित है या नहीं।

    शीर्ष अदालत ने वकील रीपक कांसल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें देशव्यापी लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों में फंसे प्रवासी श्रमिकों और अन्य राज्यों के नागरिकों के लिए लाभ के लिए वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना शुरू करने की मांग की गई थी।

    कंसल ने दावा किया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने संबंधित नागरिकों और मतदाताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं और प्रवासियों मजदूरों या अन्य राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के नागरिकों को रियायती जैसे स्थानीय पहचान प्रमाण के अभाव में सब्सिडी वाले अनाज और चिकित्सा सुविधाओं के लाभ से वंचित कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि समाज के उक्त तबके को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

    वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना फिलहाल एक जनवरी से देश के 12 राज्यों में शुरू हो चुकी है। इनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, त्रिपुरा, गोवा, झारखंड और मध्य प्रदेश शामिल हैं।

    एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत पूरे देश में पीडीएस धारकों को देश के किसी भी कोने में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से उनके हिस्से का राशन मिल सकेगा। रोजगार या अन्य कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा।

     

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