राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किया शस्त्र पूजन व् नगर पथ संचालन

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    टांडा उड़मुड़ : ( अश्वनी ) विजय दशमी के पावन मौके पर संघ कार्यकर्ताओं ने स्थानीय शिमला पहाड़ी पार्क में आयोजित समागम दौरान शास्त्र पूजन किया। शास्त्र पूजन उपरांत नगर पथ संचालन भी किया गया। इस दौरान संघ के वक्ता श्री नरिंदर  ( विभाग शारीरिक प्रमुख ) तथा संदीप भागीयां ( सहकार्य प्रभारी ) ने संघ की परिभाषा के बारे में तथा विजयदशमी के पावन मौके पर शास्त्र पूजन करने के उद्देशय के बारे में ज्ञान भी दिया। श्री नरिंदर जी ने बताया कि हिंदू संगठन और राष्ट्र को परमवैभव पर ले जाने उद्देश्य से 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। संघ अपनी विकास यात्रा के 94 वर्ष पूर्ण कर चुका है। इन वर्षों में आर.एस.एस आम लोगों का विश्वास जीतने और राष्ट्र जागरण के प्रयास में पूर्णतया सफल रहा है। देश दुनिया में आर.एस.एस. नाम से विख्यात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है। संघ की तुलना किसी दूसरे संगठन से नहीं कर सकते, क्योंकि तुलना करने के लिए भी इसके जैसा कोई होना चाहिए।
    उपरान्त संदीप भगीयां ने अपने संबोधन में कहा कि देशकाल परिस्थिति के अनुसार राष्ट्र रक्षा के स्वरूप और प्रक्रिया में बदलाव आता रहता है। कोई भी संगठन समय और परिस्थिति के अनुसार अगर बदलाव नहीं करता है, तो उसकी स्वीकार्यता समाप्त हो जाती है। ब्रह्म समाज और आर्य समाज कितने बड़ा संगठन थे। आज उनकी संपत्तियों को देखने वाला कोई नहीं है। कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना भी करीब उसी कालखंड में हुई थी, लेकिन आज समाप्ति की ओर है। इसलिए डॉ. हेडगेवार ने शाखा रूपी अनोखी कार्य पद्धति विकसित की। शाखा में नित्य जाना होता है। जबकि देश दुनिया के किसी संगठन में नित्य मिलन की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई भी व्यक्ति नजदीक की संघ शाखा में जाकर संघ में सम्मिलित हो सकता है। उसके लिए कोई भी शुल्क या पंजीकरण की प्रक्रिया नहीं है।
    संघ कार्यपद्धति की यह अनोखी मिसाल है, जो अन्य किसी संगठन में देखने को नहीं मिलेगी। संघ ने इस अवधि में डॉ. हेडगेवार के बाद पांच सरसंघचालक देखे हैं। डॉ. हेडगेवार और गुरुजी ने जो परंपरा शुरू की, उसी के तहत संघ के सरसंघचालक तय होते हैं। संघ अब सर्वव्यापी के बाद सर्वस्पर्शी संगठन बन चुका है। आतंकी राष्ट्र पाकिस्तान भी संघ से खौफ खाता है। वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान से संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में एक बार नहीं 11 बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया।

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