होशियारपुर, ( अमनदीप बेदी) :
125 करोड़ के भूमि घोटाले पर एडवोकेट जरनल पँजाब की रिपोर्ट आते ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चाहिए तो यह था कि उद्योग व वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को तुरन्त मंत्री पद से हटा कर पारदर्शिता की कार्यवाई करते। मगर दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं किया गया। जिससे विरोधियों को भी मौका मिल गया। यह बात सँघर्ष कमेटी की एक बैठक के दौरान जिला अध्यक्ष कर्मवीर बाली ने कही।बाली ने कहा कि आग लगती है तो धुँआ उठता ही हैं। पूर्व मंत्री बीर दविंदर ने लोकपाल को प्रमाणों सहित याचिका दी। लोकपाल ने भ्र्ष्टाचार की गम्भीरता को देखते हुए उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को नोटिस जारी कर दिया। इसके अलावा ईडी विभाग भी अपनी जांच कर रहा हैं। उद्योग विभाग के दो इंजीनियर विभाग से मिल रही धमकियों के कारण पुलिस प्रोटेक्शन की मांग कर रहे हैं। क्योंकि वह भी विभाग में हुए घोटाले का विरोध कर रहे हैं। अकाली नेता विक्रमजीत सिंह मजीठिया भी इस बारे में विरोध जता चुके हैं। इस घपले को लेकर आम आदमी पार्टी भी उद्योग मंत्री के अस्तीफे को लेकर दबाव बना रही हैं। बाली ने कहा कि होशियारपुर में मंत्री अपनी बन्दूक लोगो के कंधे पर चलाते हुए मसले को उलझाने का प्रयास न करें और मंत्रीपद से त्यागपत्र देकर अपने पर लगे आरोपों का सामना करे। कांग्रेस के मंत्रियों के भ्रष्टाचार को देखते हुए लोग अब कांग्रेस की सरकार न कह कर भ्र्ष्टाचार की सरकार कहने लगे हैं।
इस मौके पर उपाध्यक्ष नीरज शर्मा, सचिव निर्मल सिंह, विद्याभूषण, उत्तम सिंह, सुरेश कुमार, गुड्डू सिंह, आदि उपस्थित थे।