रोशन-मीनार बन कर दूसरों के लिए मार्ग दर्शक बने भक्त – सद्गुरु माता सुदीक्षा

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    होशियारपुर (रुपिंदर ): नव वर्ष में प्रत्येक भक्त अपने जीवन में दैवीय गुणों को अपनाते हुए रोशन-मीनार बन कर दूसरों के मार्ग को भी रोशन करे। रोशन-मीनार न केवल स्वयं रोशन रहता है बल्कि दूसरों को भी मार्ग दिखाता है। यह भाव निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महराज ने नववर्ष 2019 के आगमन पर अपनी शुभकामनाए देते हुए व्यक्त किए।
    सद्गुरु माताजी ने यह नव वर्ष संदेश केरल में समुद्र के किनारे स्थित एक रोशन-मीनार के समीप दिया जहां वे अभी कल्याण यात्र पर हैं।17 नवम्बर, 2018 को संत निरंकारी मिशन ने 71वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के अवसर पर संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, जी ़टी़ रोड़, समालखा, हरियाणा में‘ रोशन मीनार की सबसे बड़ी मानव आकृति’ बनाकर अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में दर्ज करवाने का प्रयास किया। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी के दिव्य मार्ग दर्शन में आयोजित संसार के इस बड़े कार्यक्रम में भारत के विभिन्न भागों तथा दूर-देशों से आए लगभग 20,000 पुरुष तथा महिलाओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम माता सविन्दर हरदेव जी को समर्पित किया गया। जिन्होंने 13 मई 2016 से लेकर लगभग दो वर्ष तक सद्गुरु रूप में मिशन का मार्ग-दर्शन किया। माता सविन्दर हरदेव जी चाहते थे कि मिशन का प्रत्येक अनुयायी एक रोशन मीनार बने और ब्रrाज्ञान के इस उजाले को संसार के कोने-कोने तक फैलाये।
    इस कार्यक्रम की ओर ध्यान दिलाते हुए सुदीक्षा माताजी ने विश्वभर के लिए शुभकामनायें व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक मानव अपने जीवन में दैवीय गुणों को अपनाये और न केवल स्वयं को रोशन करे बल्कि दूसरों को भी सही मार्ग दिखलाये। सद्गुरु माता जी ने आगे कहा कि मिशन के श्रद्घालु-भक्त ब्रrाज्ञान की रोशनी में अपने सभी कमोर्ं को निभाते है और नव वर्ष पर आत्मचिंतन करके पिछले वर्ष में होने वाली भूलों का सुधार पाये। इस संदेश को आज मध्यरात्रि मिशन की वेबसईट से प्रसारित किया गया।
    सद्गुरु माता जी ने संसार के प्रत्येक मानव को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी और सबके लिए नव वर्ष में खुशहाली की कामना करते हुए प्रीत, नम्रता और सहनशीलता के गुणों को अपनाने का संदेश दिया।

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