नई दिल्ली, जनगाथा टाइम्स : (सिमरन)
नई दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी से अगले दो वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है। यह जापान के वार्षिक उत्पादन से अधिक है। दुनिया के कई देशों में कोरोना फैलने के बाद जब ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन की घोषणा की तब लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया, दुकानें बंद हो गई, व्यवसाय लगभग चौपट सा हो गया है। इस बीच वॉल स्ट्रीट बैंक ने यह चेतावनी दी कि 1930 के दशक के बाद से यह सबसे खराब दौर है। हालांकि, मंदी की यह चेतावनी कम समय के लिए है, लेकिन अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लौटने के लिए काफी समय लगेगा।
उल्लेखनीय है कि यह एक दशक पहले की वैश्विक वित्तीय संकट के बाद के समय जैसा है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणी की तुलना में अर्थव्यवस्था और नीचे जा सकती है और इसके उठने में अभी और टाइम लगेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, यह नीति निर्माताओं के लिए बड़े पैमाने पर काम को रेखांकित करने का समय है। मौजूदा समय में जैसे हालत हैं उसे देखते हुए अभी अर्थव्यवस्था में पर्याप्त प्रोत्साहन की जरूरत है, लेकिन लॉकडाउन को जल्द खोलने से बचना चाहिए,, अगर इसे जल्द खोल दिया जाता है तो वायरस दोबारा लौट सकता है।
जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी के अर्थशास्त्रियों ने अगले साल के अंत तक उत्पादन में $5.5 ट्रिलियन की नुकसान की आशंका जाहिर की है, यह जीडीपी के लगभग 8% के बराबर है।
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ने बुधवार को कहा कि महामारी ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रवाह को अब तक के सबसे बुरे तरीके से प्रभावित किया है। उसने कहा कि यह अब तक का सबसे बुरा दौर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अपनी नई बैठक की घोषणा अगले सप्ताह आयोजित कर सकती है।