होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स : (सिमरन)
होशियारपुर : चीन से शुरु हुआ कोरोना संकट जब भारत में पहुंचा तो सबसे पहले उन बड़ी कंपनियों ने अपने हाथ खींचे जो ऑनलाइन के माध्यम से देश में बड़ा व्यापार कर रही थीं। लेकिन दुख की बात है कि सरकार द्वारा 20 के बाद गैर जरुरी वस्तुओं की ऑनलाइन ट्रेडिंग को खोलने के साथ ही इन कंपनियों को पुन: मौका दिया जाना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है तथा हमें इस पर एतराज है। सरकार को व्यापारियों के एतराज पर गंभीरता से विचार करके छोटे ट्रेडरों को मौका देना चाहिए। यह मांग भारत एवं प्रदेश सरकार से पंजाब एसोसिएशन ऑफ कम्प्यूटर ट्रेडर्स के उपाध्यक्ष एवं होशियारपुर कम्प्यूटर्स डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन, प्रधान अमरदीप सग्गी एवं महासचिव मनप्रीत सिंह रेहसी ने आज यहां जारी संयुक्त बयान में की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से पैदा हुए हालातों से निपटने में सरकार को छोटे ट्रेडरों ने बहुत सहयोग दिया है, जबकि यह बड़ी कंपनियां जोकि भारत में सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के उद्देश्य से काम कर रही हैं भाग खड़ी हुई थीं।
सरकार द्वारा करफ्यू एवं लॉकडाउन के कारण लोगों को पेश आ रही समस्याओं को दूर करने में छोटे दुकानदारों एवं ट्रेडरों ने सरकार का सहयोग किया और कर भी रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा इनके हितों को ध्यान में न रखते हुए बड़ी कंपनियों को गैर जरुरी वस्तुओं की बिक्री किए जाने की आज्ञा देने का जो फैसला लिया है वो तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब संकट के समय में छोटे ट्रेडर्स एवं दुकानदारों ने जनता की जरुरतों को पूरा किया तो आगे भी इन्हें ही मौका दिया जाना चाहिए, क्योंकि बड़ी कंपनियां जोकि करोड़ों अरबों का व्यापार करती हैं को एकाध माह से कोी फर्क नहीं पडऩे वाला तथा वे अपना घाटा कई तरह से पूरा कर लेती हैं। मगर, छोटे दुकानदार अपनी रोजमर्रा की ग्राहकी से ही पेट पालते हैं व उनका मुनाफा भी इतना अधिक नहीं होता। इसलिए सरकार को पहले छोटे ट्रेडरों एवं दुकानदारों का सोचना चाहिए। सरकार को इन्हें मौका देना चाहिए तथा इनके द्वारा की जाने वाली होम डिलीवरी में लगे 1 या 2 कर्मियों की मैडीकल किया जाए ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो व कोरोना से भी बचाव हो सके।
उन्होंने केन्द्र व पंजाब सरकार से मांग की कि वैसे तो गैरजरुरी वस्तुओं की ट्रेडिंग को खोलना गलत है। अगर, सरकार होम डिलीवरी की सुविधा रखते हुए इसे खोलना ही चाहती है तो बाहरी कंपनियों को ऑन लाइन ट्रेडिंग की आज्ञा न देकर छोटे दुकानदारों व ट्रेडर्स को आज्ञा देनी चाहिए ताकि आपदा की स्थिति में सरकार का साथ देने वाले लोगों का भला हो सके। अन्यथा वे इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे तथा संघर्ष का रास्ता भी अपनाना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे। क्योंकि, यहां पर अपनों के हकों को दबाने और गैरों को लाभ पहुंचाने की बात है। इसलिए हम अपने लोगों की हितों से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।