काल का ग्रास बन कर सड़कों पर घूम रहें हैं बेसहारा पशु :

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    होशियारपुर : होशियारपुर सड़कों पर यमदूत बन कर घूम रहे बेसहारा पशुओं की वजह से आए दिन हादसे हो रहें हैं। शहर व आस पास के इलाकों में इन बेसहारा पशुओं ने लोगों के नाक में दम कर रखा हैं। आए दिन ऐसे हादसे इन बेसहारा जानवरों की वजह से हो रहें हैं। कई बार सांढ भी आपस में भिड़ते हुए उत्पात मचा चुके हैं। मगर स्थानीय प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से जागने को तैयार नहीं नज़र आ रहा। आए दिन हो रहें हादसे लावारिस पशुओं से होनी वाली दुर्घटनाओं से लोग भी काल का ग्रास बन रहे हैं। वीरवार रात भी एक बेसहारा पशु के मोटरसाइकिल के साथ टकराने से एक नवयुवक सतवंत सिंह की मौत हो गई व दो गंभीर रुप से घायल हो गए। करीब पांच माह पहले शहरनिवासी राजीव की कार से भी दो लावारिस पशु टकराने से उसकी गाड़ी का काफी नुकसान हुआ।

    छह महीने पहले शहर के सुतैहरी रोड पर दो आवारा सांढ़ आपस में भिड़ते हुए एक दुकान में जा घुसे जिससे दुकान का काफी नुकसान हुआ। गत वर्ष भी शहर के नलोइयां चौक में अज्जोवाल निवासी 25 वर्षीय युवक के मोटरसइकिल से बेसाहार पशु टकराने से मौत हो गई थी। गांव ढोलनवाल में सांड के पटकने से एककिसान की मौत हो चुकी हैं। करीब चार साल पहले एक सांढ के पटकने से बुजुर्ग औरत की भी मौत हो गई थी। देखने वाली बात यह हैं कि शहरवासियों को आवारा पशुधन से निजात दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा दो-दो कैटल पौड बनवाए गए हैं। मगर फिर भी लोगों को अभी तक पूरी तरह से आवारा पशुधन से निजात मिलती नजर नहीं आ रही।

    निगम अधिकारीयों का दावा था कि कैटल पौंड बनने के बाद शहर में लावारिस पशुओं से निजात मिल जाएगी। दुधारु पशु रखने को ही दी जाती हैं तरजीह होशियारपुर में दो कैटल पौड के अलावा आधा दर्जन के करीब छोटी बड़ी गउशाला भी हैं। मगर इन गउशाला में भी ज्यादातर दुधारु पशुओं को ही तरजीह दी जाती हैं। जो गउएं दूध देने के काबिल नहीं हैं उन्हें सड़कों से हटाने की कवायद नहीं की जाती ऐसा ही कुछ आवारा सांढ़ों के मामले में किया जाता हैं। शहर में आवारा सांढो की गिनती बढ़ती जा रही हैं। कैटल पौड में रखे जाएंगे बेसहारा पशु- कमीशनर नगर निगम कमिश्नर बलवीर राज ने बताया कि इस समस्या का हल निकलाने संबधी बैठक भी की गई हैं। जिसमे शहर के जिन इलाकों में बेसहारा पशु घूम रहे वहां से पकड़ कर फलाही कैटल पौड में रखा जाएगा। देखने में आया हैं कि कुछ लोग आसपास के गावों से भी बेसहारा पशुओं को पकड़ शहरी इलाकों में छोड़ रहे हैं। लोग भी सहयोग करें तो जलद ही बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात मिल जाएगा।

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