कार्तिक मास में तुलसी के समीप दीपक जलाने से आती हैं लक्ष्मी: पंडित श्याम ज्योतिष

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    प्रत्येक मास की अपनी एक मुख्य विशिष्टता होती हैं, इसी तरह कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महात्म्य पुराणों में वर्णित किया गया हैं। इसी के द्वारा इस बात को समझा जा सकता हैं कि इस माह में तुलसी पूजन पवित्रता व शुद्धता का प्रमाण बनता हैं। इस बात का प्रगटावा करते हुए ऊना रोड भूत गिरी मंदिर के पुजारी पण्डित श्याम ज्योतिष ने कहा कि 30 तारिक दिन सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मौके महिला मंडल द्वारा तुलसी सम्मुख 365 जोत जला कर कार्तिक मास की कथा का समापन हुआ। उपरांत आई हुई संगत को लंगर रूपी प्रसाद वितरित किया गया। शास्त्रों में कार्तिक मास को श्रेष्ठ मास माना गया हैं। स्कंद पुराण में इसकी महिमा का गायन करते हुए कहा गया हैं मासानांकार्तिक श्रेष्ठोदेवानांमधुसूदन। तीर्थ नारायणाख्यंहि त्रितयंदुर्लभंकलौ। अर्थात मासों में कार्तिक, देवों में भगवान विष्णु और तीर्थो में बदरिकाश्रम श्रेष्ठ स्थान पाता हैं।

    तुलसी आस्था एवं श्रद्धा की प्रतीक हैं। यह औषधीय गुणों से युक्त हैं। तुलसी में जल अर्पित करना एवं सायंकाल तुलसी के नीचे दीप जलाना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता हैं। तुलसी में साक्षात लक्ष्मी का निवास माना गया हैं। अत: कार्तिक मास में तुलसी के समीप दीपक जलाने से व्यक्ति को लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं।

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