बठिंडा : सेंट्रल जेल बठिंडा में बंद अमृतधारी कैदी राजवीर सिंह के बाल काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिवार पुलिस व जेल प्रबंधकों पर आरोप लगा रहा है। वहीं जेल प्रशासन ने कैदी पर भागने का आरोप लगाया है। शनिवार को पुलिस ने कैदी राजवीर सिंह और पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह रानो को बठिंडा कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगा, लेकिन राजवीर के वकील हरपाल सिंह खारा की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेजने से इंकार कर दिया।
वहीं अदालत ने कैदी राजवीर सिंह का मेडीकल सिविल अस्पताल बठिंडा से करवाने के आदेश पुलिस को दिए। पुलिस जब दोनों को कोर्ट में लेकर आई तो कैदी राजवीर सिंह ने जज को सिर के कटे बाल और शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए। कैदी राजवीर सिंह ने आरोप लगाया कि सेंट्रल जेल बठिंडा के कर्मचारियों ने उन्हें पीटा और उसके बालों की बेअदबी भी की जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी। जब भी वह अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें जेल में पीटा जाता है।
इस मौके पर नाथपुर जिला गुरदासपुर निवासी पीड़िता राजवीर की मां प्रभजोत कौर ने भी मामले की जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सेंट्रल जेल बठिंडा के कर्मचारियों द्वारा उसके बेटे के साथ बदसलूकी की गई, बेवजह पीटा गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि घटना उसके बेटे के साथ बीती 26 जून को हुई थी, लेकिन पुलिस ने उनके बेटे के खिलाफ 28 जून को जेल से भागने और अपने बचाव में वार्डन को पीटने का झूठा मामला दर्ज किया है। पीड़िता की ओर से पेश वकील हरपाल सिंह खारा ने कहा कि जेल में एक सिख युवक की पिटाई बेहद निंदनीय है।