सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने लाल किला हमले के दोषी आतंकवादी मोहम्मद आरिफ की मौत की सजा बरकरार रखी

0
179

नेशनल : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लाल किले में सेना की बैरक पर हमले का दोषी और मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयेबा का आतंकी अशफाक आरिफ की पुनर्विचार याचिका खारिज कर फांसी की सजा बरकरार रखी। बता दें कि कोर्ट ने साल 2000 में हुए लाल किले पर हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की फांसी की सजा को बरकरार रखा है।

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की एक पीठ ने कहा कि उसने ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार करने के आवेदन को स्वीकार किया है। पीठ ने कहा कि हम उस आवेदन को स्वीकार करते हैं कि ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार किया जाना चाहिए। वह दोषी साबित हुआ है। हम इस अदालत द्वारा किए गए फैसले को बरकरार रखते हैं और पुनर्विचार याचिका खारिज करते हैं। आरिफ, लाल किले पर 22 दिसंबर 2000 को किए गए आतंकवादी हमले के दोषियों में से एक है।

बता दें कि लाल किले पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने 22 दिसंबर 2000 को आतंकवादी हमला किया था। उस हमले में दो सैनिकों समेत तीन लोग मारे गए थे। वहीं, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में लालकिला में घुसपैठ करने वाले दो आतंकवादी भी मारे गए थे। जिसके बाद लाल किला हमले के मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने आरिफ को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी जिसे 2014 में भी सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। उसके बाद अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की सजा को बरकरार रखने का फैसला लिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here