नाटो ने शुरू किया यूक्रेन युद्ध… पुतिन से मिलकर अमेरिका पर भड़के अयातुल्‍ला, ईरान-रूस में महाडील

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तेहरान: यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिमी देश रूस को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं लेकिन ईरान के सर्वोच्‍च नेता और अमेरिका के धुर व‍िरोधी अयातुल्‍ला अली खमनेई ने कहा है कि इस जंग को नाटो ने शुरू किया है। ईरान की राजधानी तेहरान में रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के बाद खमनेई ने नाटो को ‘खतरनाक जीव’ करार दिया। उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देश एक मजबूत और स्‍वतंत्र रूस का व‍िरोध करते हैं। दोनों देशों के बीच 40 अरब डॉलर की महाडील पर भी समझौता हुआ है।

खमनेई ने पुतिन से मुलाकात के बाद कहा, ‘जंग एक हिंसक और कठिन मुद्दा है और इस्‍लामिक रिपब्लिक ईरान इस बात से किसी भी तरह से खुश नहीं कि आम आदमी इसकी चपेट में आएं। लेकिन जहां तक बात यूक्रेन की है तो आपने पहल नहीं की बल्कि दूसरे पक्ष ने की जिससे युद्ध शुरू हुआ।’ उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देश एक मजबूत और स्‍वतंत्र रूस का व‍िरोध करते हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर नाटो को यूक्रेन में नहीं रोका गया तो वह यही युद्ध शुरू करेगा और क्रीमिया को इसका बहाना बनाएगा।

यूक्रेन की जंग में आम लोगों की मौत ‘बड़ी त्रासदी’: पुतिन
पुतिन के हवाले से ईरानी मीडिया ने कहा कि यूक्रेन की जंग में आम लोगों की मौत ‘बड़ी त्रासदी’ है लेकिन उन्‍होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस की इस प्रतिक्रिया के लिए जिम्‍मेदार हैं। रूसी राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘कुछ पश्चिमी देशों ने कहा कि हम यूक्रेन के नाटो की सदस्‍यता के खिलाफ हैं लेकिन हम अमेरिका के दबाव में इसके लिए तैयार हुए थे।’ वहीं ईरानी राष्‍ट्रपति ने कहा कि रूस और ईरान के बीच सहयोग से इस इलाके में स्थिरता आई है और सुरक्षा बढ़ी है। उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देशों के व‍िपरीत यह ईरान और रूस हैं जो इस इलाके में आतंकवाद से जंग में ईमानदारी और गंभीरता से सहयोग कर रहे हैं।

ईरान के पास दुनिया में प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा भंडार
इसके तहत किश और नार्थ पार्स गैस क्षेत्र, साथ ही 6 तेल क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। ईरान के पास दुनिया में प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा भंडार है लेकिन पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण वह इसका व‍िकास नहीं कर पा रहा है। यही नहीं पश्चिमी कंपनियां यहां निवेश भी नहीं कर पा रही हैं। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि तेहरान मास्को को ‘सैकड़ों’ लड़ाकू ड्रोन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है, और ईरानी सैनिक अपने रूसी समकक्षों को ड्रोन का उपयोग करने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।

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