लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर परिसर में हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी कटृरपंथियों से न सिर्फ प्रभावित था, बल्कि उनके सीधे संपर्क में था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मुर्तजा से पूछताछ के दौरान उसके विरुद्ध कई अहम इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाने के साथ मुर्तजा के सीरिया के खातों में किये गये वित्तीय लेनदेने के भी प्रमाण जुटाये हैं।
जिसके बाद एटीएस ने आरोपित मुर्तजा के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं की बढ़ोत्तरी की है। एटीएस अब मुर्तजा के विरुद्ध चल रहे केस को लखनऊ स्थित एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी)/एटीएस की विशेष अदालत में स्थानान्तरित कराने की तैयारी में जुट गई है। वहीं एनआइए के अब इस केस को जल्द अपने हाथ में लेने की संभावना भी बढ़ गई है।
मुर्तजा के आतंकी संगठन आइएस में शामिल होने के लिए एक वेबसाइट के जरिये आनलाइन शपथ लेने की बात भी सामने आई थी। साथ ही मुर्तजा के हनीट्रैप का शिकार होने व सीरिया की एक युवती के संपर्क में आने के बाद कट्टरपंथियों की मदद के लिए सीरिया के खातों में रकम जमा कराने की बात भी सामने आई थी। इसके बाद ही एटीएस ने मुर्तजा के चार बैंक खातों की छानबीन तेज की थी। इससे जुड़े अहम साक्ष्य हाथ लगने के बाद एटीएस ने अब मुर्तजा पर कानूनी शिकंजा और कसना शुरू कर दिया है।
ध्यान रहे, गोरखनाथ मंदिर परिसर में तीन अप्रैल को हमले की घटना के बाद आरोपित मुर्तजा को गिरफ्तार किया गया था। घटना के पीछे किसी गहरी साजिश की आशंका जताई गई थी। शासन ने घटना का बेहद गंभीरता से लेकर इसकी जांच तत्काल एटीएस को सौंप दी थी। मुर्तजा की पहले 11 अप्रैल तक पुलिस रिमांड मंजूर की गई थी। बाद में एटीएस ने कोर्ट से मुर्तजा की पांच और दिनों की पुलिस रिमांड हासिल कर उससे पूछताछ का सिलसिला जारी रखा था। एटीएस ने शनिवार को पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने पर मुर्तजा को गोरखपुर की कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।