होशियारपुर। फ़िल्मी जगत। सायरा बानो 60 के दशक की खूबसूरत और ग्लैमरस एक्ट्रेस मानी जाती हैं. नजाकत-नफासत के बीच पली-बढ़ी सायरा ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तो उन्हें ग्लैमरस गुड़िया कह कर बुलाया जाता था. सायरा की मां भी 30 के दशक की ग्लैमरस एक्ट्रेस मानी जाती थीं. लंदन के स्कूल में पढ़ाई करने वाली सायरा ग्लैमरस गुड़िया की तरह बेहद डेलीकेट और कमसिन सी दिखती थीं. विदेशी आबोहवा में रहने की वजह से बिंदास भी थीं. सुबोध मुखर्जी की फिल्म ‘जंगली’ से डेब्यू करने वाली लीजेंड एक्ट्रेस सायरा की मासूमियत और शोखी सिल्वर स्क्रीन पर दिखी तो कई फिल्मी मैगजीन के कवरपेज पर छपने लगीं. हर तरफ सायरा की खूबसूरती के चर्चे होने लगे.
सायरा बानो ने ‘जंगली’, ‘अप्रैल फूल’, ‘पड़ोसन’, ‘झुक गया आसमान’, ‘पूरब पश्चिम’, ‘आदमी और इंसान’, ‘विक्टोरिया नंबर 203’ जैसी फिल्मों में शानदार काम करके अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अभिनय का सिक्का भी जमा दिया था. रेट्रो बॉलीवुड नामक फिल्मी इंस्टाग्राम पर सायरा बानो की पुराने दिनों की यादों को साझा किया गया है, जिसमें सायरा की बेहद खूबसूरत और ग्लैमरस थ्रोबैक फोटोज का कोलॉज शेयर किया है. दिग्गज एक्ट्रेस के शेयर किए गए ब्लैक एंड व्हाइट फोटोज में एक सन 1970 की है तो दूसरी सन 1976 की है. सायरा की दोनों ही तस्वीरों में 6 साल का अंतर हैं लेकिन ग्लैमर भरपूर नजर आ रहा है.
सायरा बानो के ग्लैमर की होने लगी थी चर्चा
सायरा बानो 1971 से लेकर 1976 तक चौथी सबसे हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस मानी जाती थीं. फिल्मी मैगजीन स्टारडस्ट ने सायरा से एक इंटरव्यू में जब पूछा था कि उन क्रिटिक्स को आप क्या जवाब देना चाहती हैं जो आपके टैलेंट की बजाय ग्लैमर पर फोकस करते हैं’. सायरा बानो ने इस सवाल का बेहद दिलचस्प और करारा जवाब दिया था. सायरा ने कहा था कि ‘हो सकता है कि वह सही हो लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है. मैं हूं,चाहे वो पसंद करें या ना करें. याद रखिए कि ठीक यही महान स्टार मधुबाला के लिए भी कहा गया था कि वह मर्लिन मुनरो को कॉपी करती हैं. मैं ऐसी कंपनी में खुश हूं’.
मधुबाला और मर्लिन मुनरो में थी काफी समानता
बता दें कि बला की खूबसूरत हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस मधुबाला की तुलना हॉलीवुड एक्ट्रेस मर्लिन मुनरो से की जाती थी. मर्लिन भी अपने जमाने की खूबसूरत और फेमस एक्ट्रेस थीं और उनकी पर्सनल लाइफ भी तमाम दिक्कतों से भरी थी.