SI की गाड़ी में बम इंप्लांट करने वाले निकले चाचा-भतीजा, रिकवर हुई मालदीव की टिकट

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अमृतसर/लुधियाना : एस.आई. दिलबाग सिंह की गाड़ी में बम इम्प्लांट करने वाले दोनों आरोपी चाचा-भतीजा निकले हैं और उनके पास से 4000 डॉलर (अढ़ाई लाख रुपए भारतीय करंसी के बराबर) भी बरामद हुए हैं। पता चला है कि बम लगाने वाले चाचा-भतीजा हरपाल सिंह व फतेहदीप सिंह उनके मोबाइल फोन के जरिए ही पकड़ में आए हैं। आरोपी हरपाल सिंह, जो पंजाब पुलिस का भी कर्मी है, दूसरे आरोपी फतेहदीप सिंह का चाचा है।

जानकारी के अनुसार रात 3 बजे के लगभग एस.आई. दिलबाग सिंह की गाड़ी में बम इम्प्लांट करने के बाद दोनों दिल्ली की ओर रवाना हो गए थे। घटना के बाद जब पुलिस की साइबर टीम ने एक्टिव मोबाइल का डाटा खंगाला और सर्विलांस पर लिया गया तो यह बात सामने आई कि सबसे ज्यादा आपस में बातचीत इन्हीं दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन्स के बीच हुई थी। बाद में इन्हीं दोनों मोबाइल फोन से मिले सिग्नल ही पुलिस टीम को दिल्ली एयरपोर्ट तक ले गए। मोबाइल सर्विलांस  में यह जानकारी भी मिली कि उक्त दोनों आरोपियों ने कनाडा में बैठे लखबीर सिंह उर्फ लंडा को भी इसकी जानकारी दी थी। खास बात यह है कि उक्त दोनों आरोपियों के पास से मालदीव की टिकट भी रिकवर हुई है।

उधर, काऊंटर इंटैलीजैंस की टीम ने दुगरी से एक युवक को हिरासत में लिया है जो पकड़े जा चुके आरोपी फतेहवीर सिंह का नजदीकी है। बम इम्प्लांट से पहले फतेहवीर सिंह उक्त युवक को लुधियाना आकर मिला था। सूत्र बताते हैं कि फतेहवीर की मोबाइल फोन की दुकान है और दुगरी वाले युवक की भी मोबाइलों की दुकान है जिस कारण दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। फतेहवीर पहले भी कई बार लुधियाना आ चुका है। पुलिस को शक है कि उक्त युवक ने फतेहवीर की मदद की थी।काऊंटर इंटैलीजैंस के ए.डी.जी.पी. आर.एन. ढोके की टीम ने आरोपियों को पकड़ लिया था। पकड़े गए आरोपियों में एक पंजाब पुलिस का मुलाजिम हरपाल सिंह और दूसरा मोबाइल की दुकान चलाने वाला फतेहवीर है। दोनों को दिल्ली से तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वे विदेश भागने की फिराक में थे। आरोपियों के मोबाइलों से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। मोबाइल के जरिए ही उक्त युवक के बारे में पता चला था।

इसके अलावा आरोपियों की पूछताछ में सामने आया है कि फतेहवीर के लुधियाना के दुगरी में रहने वाले उक्त युवक से अच्छे संबंध थे। पकड़े गए दोनों आरोपी पिछले डेढ़ महीने से लगातार लुधियाना के चक्कर लगा रहे थे। दोनों अक्सर दुगरी के युवक से मिलते थे। युवक उनकी हर तरह की मदद करता था।  सूत्र बताते हैं कि दोनों में मोबाइल सिम का लेन-देन हुआ था जबकि बम इम्प्लांट में किसी एक सिम का कुछ कंसर्न था। पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए दोनों आरोपी जब भी लुधियाना आते किसी फाइव स्टार होटल में रुकते थे। कई बार दुगरी का युवक उन्हें होटल में मिलने जाता था। अब पुलिस उक्त होटलों का भी डाटा एकत्र करने में लगी है और सी.सी.टी.वी. फुटेज भी चैक की जा रही हैं ताकि पता लगाया जा सके कि वे यहां पर किस तरह की एक्टीविटी करते थे।

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