अध्यापकों के लिए Transfer करवाना होगा और आसान, नई शर्तों के साथ आई तबादला नीति

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जालंधर : पंजाब सरकार शीघ्र ही अध्यापकों की नई तबादला नीति लागू करने जा रही है। पूर्व कैप्टन सरकार ने अध्यापकों की ऑनलाइन तबादला नीति शुरू की थी जो सफल रही थी। वर्तमान सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है। अब नवविवाहिता, पति-पत्नी में से किसी के बीमार होने, सैनिकों की पत्नियों इत्यादि को उनकी पसंद के स्टेशन मिल सकेंगे। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के अनुसार आगामी 2 सप्ताह के बाद नई तबादला नीति लागू कर दी जाएगी।

पूर्व में मार्च, 2018 में तत्कालीन सरकार द्वारा अध्यापकों के लिए तबादला नीति लागू की गई थी जिसके मुताबिक किसी भी अध्यापक के एक ही जगह पर 7 साल से अधिक समय तक रहने पर रोक लगाई गई थी और 3 वर्ष से पूर्व तक अध्यापक तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा। आम तबादले साल में केवल एक बार ही करने का निर्णय हुआ था और संभावित खाली पदों के लिए नोटिफिकेशन डाले गए थे। जिन अध्यापकों/अध्यापिकाओं को तबादलों की सूची में शामिल किया गया था उनमें कैंसर, हैपेटाइटिस-बी, हैपेटाइटिस-सी, अनीमिया, थैलेसीमिया या डायलिसिस से पीड़ित, 60 प्रतिशत तक दिव्यांग, तलाकशुदा और जिनके विशेष बच्चे हैं, को ऑनलाइन तबादलों में तरजीह दी गई।

तबादला नीति के अनुसार अध्यापकों के तबादले के लिए अंक निर्धारित करके इस नीति में मापदंड जोड़े गए थे। विभिन्न जोनों में निभाए कार्यकाल के लिए 50 अंक और सबसे अधिक अंक उन अध्यापकों के लिए रखे गए जो जोन-5 अर्थात पिछड़े क्षेत्रों में सेवा निभा रहे थे। गत वर्ष 2021 में 10,000 से अधिक अध्यापकों के तबादले ऑनलाइन हुए थे जबकि तबादलों के लिए आवेदन करने वाले अध्यापकों की संख्या 35,000 से अधिक थी।

नई तबादला नीति में किए जा रहे बेहतर बदलाव

स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि नई तबादला नीति में बेहतर बदलाव किए जा रहे हैं जिसके मुताबिक अब पति अथवा पत्नी की बीमारी की हालत में भी तबादले के लिए अंक मिलेंगे। इसके साथ-साथ बच्चों की बीमारी, नवविवाहिता, विधवा, नेत्रहीन, दिव्यांग और विशेष रूप से सैनिक परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी। इस नीति में बदलाव अनुभव के आधार पर किए जा रहे हैं।

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