कंपनी बंद करेगी जॉनसन बेबी पाउडर की बिक्री, यह खतरनाक बीमारी होने के हैं आरोप, आ चुके 38,000 मामले

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नई दिल्ली : दुनिया भर में करोड़ों महिलाओं ने कभी ना कभी अपने बच्चों को जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर जरुर लगाया होगा। एक समय था, जब छोटे बच्चों के लिए इस ब्रिटेन की दिग्गज कंपनी के प्रोडक्ट्स काफी सेफ समझे जाते थे। भारत में भी इस कंपनी के प्रोडक्ट्स काफी पॉपुलर हुए हैं। लेकिन अगले साल में अब आपको बाजार में इस कंपनी का टैल्क बेस्ड बेबी पाउडर (J&J Baby Powder) नहीं मिलेगा। जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने साल 2023 में दुनिया भर में अपने इस पाउडर की बिक्री को रोकने का फैसला लिया है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। दो साल से भी अधिक समय पहले कंपनी ने यूएस में इस पाउडर की बिक्री को रोक दिया था। यूएस में हजारों ग्राहकों द्वारा मुकदमें दायर करने के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया था।

कंपनी के खिलाफ आ चुके 38,000 मामले

कंपनी अमेरिका और कनाडा में साल 2020 में ही टैल्क बेस्ड बेबी पाउडर की बिक्री बंद कर चुकी है। बता दें कि कंपनी के खिलाफ करीब 38,000 से अधिक मामले चल रहे हैं। कई महिलाओं ने दावा किया कि बेबी पाउडर को यूज करने के बाद उन्हें ओवेरियन कैंसर हो गया। अमेरिकन रेग्युलेटर्स ने भी दावा किया था कि उन्हें कंपनी के बेबी पाउडर में कैंसर (Cancer) पैदा करने

वाले तत्व मिले हैं। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपो का खंडन किया था। कंपनी ने कहा था कि उसने उत्तरी अमेरिका में बिक्री में गिरावट के चलते उस प्रोडक्ट को हटाया था।

आखिर क्या है यह टैल्क

कंपनी के बेबी पाउडर में यूज होने वाला टैल्क (Talc) दुनिया का सबसे सॉफ्ट मिनरल है। यह कई देशों में बनाया जाता है। पेपर, प्लास्टिक्स और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई इंडस्ट्रीज में इसका काफी उपयोग होता है। इस पाउडर का उपयोग नैपी रैश और दूसरी तरह के पर्सनल हाइजीन में होता है। कई बार इसमें एसबस्टस (asbestos) मिला होता है, जो शरीर में कैंसर पैदा कर सकता है।

कंपनी ने कहा प्रोडक्ट है पूरी तरह सेफ

जॉनसन एंड जॉनसन लगातार इन आरोपों का खंडन करते आई है कि उसका प्रोडक्ट सेफ नहीं है। कंपनी का कहना है कि दशकों के वैज्ञानिक परीक्षण और नियामक अनुमोदनों ने इसके टैल्क को सुरक्षित और एसबस्टस फ्री दिखाया है। गुरुवार को इस प्रोडक्ट की बिक्री बंद करने की घोषणा करते हुए भी कंपनी ने यह बात दोहराई।

मुकदमा करने वालों से इस तरह निपट रही कंपनी

जॉनसन एंड जॉनसन ने अक्टूबर में सब्सिडियरी LTL मैनेजमेंट को अलग कर दिया था। जे&जे ने अपने टैल्क क्लैम्स इस सब्सिडियरी पर डाले और लंबित मुकदमों को रोकते हुए इसे तुरंत दिवालिया होने के लिए डाल दिया। मुकदमा करने वालों का कहना है कि जॉनसन एंड जॉनसन को मुकदमों के खिलाफ खुद का बचाव करना चाहिए। जबकि जॉनसन एंड जॉनसन और दिवालिया सब्सिडियरी के प्रतिवादियों का कहना है कि यह दावेदारों को मुआवजा देने का एक न्यायसंगत तरीका है। बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन पहले ही दुनियाभर में मुकदमा करने वालों को अरबों डॉलर का मुआवजा दे चुकी है।

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