सऊदी अरब: राजकुमारी बस्मा और उनकी बेटी की हुई रिहाई, लगभग तीन साल से बिना किसी आरोप के कैद में थीं

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सऊदी अरब। न्यूज़ डेस्क। सऊदी अरब में एक राजकुमारी और उनकी बेटी को रिहा कर दिया गया है जिन्हें करीब तीन साल से बिना किसी आरोप के कैद में रखा गया था। मानवाधिकारों की मुखरता के साथ वकालत करने वाली और शाही परिवार की सदस्य राजकुमारी बस्मा बिंत सऊद बिन अब्दुल्लाजीज अल-सऊद (57) मार्च 2019 में अपनी वयस्क बेटी सऊहूद अल-शरीफ के साथ लापता हो गई थीं।

उनके कानूनी सलाहकार हेनरी एस्ट्रामैंट ने शनिवार को बताया कि दोनों को मनमानी कैद से रिहा कर दिया गया है और छह जनवरी को वह जेद्दाह में स्थित अपने घर पहुंच गई थीं। राजकुमारी ठीक हैं लेकिन उन्हें चिकित्सकों की मदद लेनी होगी। मामले में सार्वजनिक रूप से कभी टिप्पणी न करने वाली सऊदी सरकार की ओर से अभी इस पर कोई बयान नहीं आया है।

2020 में सोशल मीडिया पर राजकुमारी ने साझा की थी गिरफ्तारी की बात

साल 2020 में राजकुमारी बस्माह की सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि मुझे राजधानी रियाद में एक साल से अधिक समय से कैद करके रखा गया है और मेरी तबीयत खराब है। उन्होंने वर्तमान शासक और अपने भतीजे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से रिहा करने की और चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराने की मांग की थी।

बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया, इसका कारण तक नहीं बताया

उन्होंने दावा किया था कि मुझे बिना किसी आरोप के अल-हायर जेल में रखा गया है, जहां कई अन्य राजनीतिक कैदी भी कैद करके रखे गए हैं। मुझे या मेरी बेटी को गिरफ्तारी के बारे में कोई कारण, स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। राजकुमारी बस्माह किंग सऊद (दिवंगत) की सबसे छोटी संतान हैं। जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी के समय उन्हें इलाज के लिए विदेश जाना था।

उनकी रिहाई के बाद सऊदी अरब में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन एएलक्यूएसटी ने कहा कि जीवन के लिए घातक साबित हो सकने वाली समस्या से पीड़ित राजकुमारी को चिकित्सकीय मदद नहीं उपलब्ध कराई गई। संगठन के अनुसार उन्हें मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था और अप्रैल 2019 तक अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं करने दिया गया था।

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