पुष्पा गुजराल साइंस सिटी ने अंर्तराष्ट्रीय विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों की सहभागिता दिवस मनाया

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कपूरथला ।गौरव मढ़िया।विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों की सहभागिता के अंर्तराष्ट्रीय दिवस मौके पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से एक विचार चर्चा करवाई गई। जिसमें विज्ञान, टेक्नालोजी, इंजीनियरिंग व गणित में अपनी अलग पहचान बनाने वाली प्रसिद्ध महिलाओं ने भाग लिया। इसके साथ ही भारत सरकार के विज्ञान व टेक्नालोजी विभाग के सहयोग से वाइज विजन किरण स्कीम तहत दो दिवसीय लेक्चरों की श्रृंखला की शुरुआत की गई। दोपहर के समय की विचार चर्चा व सुबह की लेक्चर श्रृंखला में देश भर से महिला अध्यापकों व छात्राओं ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सलाहकार, भारत सरकार के प्रमुख विज्ञानिक सलाहकार, पूर्व विज्ञानिक सचिव व पूर्व विज्ञानिक डा.स्वाति बासू मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। इन्हें भारत की “मौसम महिला’ के तौर पर जाना जाता है। इन्हें उत्तरी अंटार्कटिका में पहली महिला के तौर पर जाने का मान भी हासिल है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं व लड़कियों की बराबर पहुंच व सहभागिता को उत्सािहत करने के उद्देश्य से महिला व लड़कियों की विज्ञान के क्षेत्र में सहभािगता का दिवस अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। विज्ञान व टेक्नालोजी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत प्रोग्राम के अधीन शिक्षा संस्थाओं, खोज व विकास प्रयोगशालाओं, विभागों व मंत्रालयों, उद्योगों, स्टार्टअप, परोपकारी संस्थाएं व राष्ट्रीय संस्थाओं को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने विज्ञान सलाहकार नीति की भी बात की, जो राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय जरुरतों के अनुकूल है। उन्होंने मौसमी भविष्यवाणी में भारत की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं व लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने की बहुत जरुरत है और बीते कुछ दशकों दौरान विश्व स्तर पर विज्ञान क्षेत्र की ओर लड़कियों को इस क्षेत्र में लगाने व उत्साहित करने के लिए कई प्रयत्न किए गए है।
इस मौके विचार चर्चा का संचालन करते हुए साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों की सहभािगता का दिन मनाने का उद्देश्य न सिर्फ महिलाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में टेक्नालोजिस्टों के लिए विज्ञान की शिक्षा का योग्य व आसान माहौल बनाने के लिए पहले किए यत्नों को याद करना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में विज्ञान, टेक्नालोजी, इंजीनियरिंग व गणित में अंडरग्रेजुऐट स्तर पर सिर्फ 43 फीसदी लड़कियां ही दाखिला लेती है। जिनमें से 14 फीसदी विज्ञान व टेक्नालोजी की उच्च नौकरियों पर जाती है। जबकि सिर्फ 3 फीसदी लड़कियां पीएचडी में दाखिला ले रही है। उन्होंने विज्ञान व टेक्नालोजी को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाने की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए साइंस सिटी की ओर से एक वूमैन टेक्नालोजी पार्क भी स्थापित किया गया है।
इस मौके “लीलावती धीआं’ की सूचीबद्ध महिला व इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस बंगलौर की विज्ञानी प्रो.मंजू बांसल, एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंस कोलकाता की डायरेक्टर डा.तनुश्री साहा दास गुप्ता व आईशर मोहाली की आईएनएसए सीनियर विज्ञानी व गणित विज्ञान की प्रोफेसर सुदेश कौर खंडूजा ने विचार चर्चा में भाग लिया और यहां तक पहुंचने के अपने तर्जुबें सांझा किए।
डा.मंजू बांसल जो फुलब्राइट फैलो होने के साथ-साथ रटगर्स यूनिर्वसिटी अमेरिका की विजटिंग प्रोफैसर भी है ने बताया कि उनके द्वारा किस तरह प्रोटीन संरचना, मॉडलिंग न्यूक्लिक एसिड व विशलेषण के लिए नए कंप्यूटनेशन टूल विकसित किए गए है। उन्होंने लडकियों व महिलाओं को खोजकर्ताओं के रुप में अपनी पूरी समर्था बनाने के लिए विज्ञानिक खोजों व सिरजनात्मक कार्यों में बढ़चढ़ हिस्सा लेने की जरुरत पर जोर दिया।
डा.तनुश्री जोकि एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड, जेसी बोस फैलोशिप डीएई राजा रमन्ना अवार्ड के साथ-साथ विश्व विज्ञान अकादमी के फैलो भी है ने बताया कि कैसे दृढ़ इरादे, मजबूत मानसिकता ने उन्हें अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दरपेश परिवारिक दबाव व भाषाई मुश्किलों को दूर करने में सहायता की। उन्होंने लड़कियों व महिलाओं को प्रभावशाली समाधान का हिस्सा बनने के लिए नवीनतकारी तकनीकों की सिखलाई लेने की तरफ प्रेरित किया।
डा.सुदेश कौर खंडूजा जोकि नार्लीकर मेमोरियल लेक्चर अवार्डी व टी.डब्यलू एएस फैलो है ने समाज में उन्हें शिक्षा प्राप्त करने में आई चुनौतियां छात्राओं से सांझी की।
इस मौके माहिरों का आभार व्यक्त करते हुए साइंस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर ने कहा कि महिलाओं की समाज में बहुत अहम भूमिका है। लिंग समानता की बढ़ रही मुश्किलों के बावजूद विज्ञान व टेक्नालोजी के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान है। यहां तक कि साइंस सिटी की अगुवाई भी भारत की पहली महिला डायरेक्टर जनरल की ओर से की जा रही है। इसके अलावा पंजाब की 5 में से 3 विज्ञानिक संस्थाओं की अगुवाई महिला विज्ञानिकों की ओर से की जा रही है।
विज्ञान व टेक्नालोजी विभाग भारत सरकार के सहयोग से करवाए गए दोपहर के पहले प्रोग्राम में किरण डिवीजन की प्रभारी डा.निशा मैंदीरत्ता ने विज्ञान में महिलाओं की सहभागिता के लिए भारत सरकार के विज्ञान व टेक्नालोजी विभाग के प्रोग्रामों की जानकारी दी।
इस मौके मुख्यातिथि ने आए हुए डा.अजीत चतुरवेदी ने समानता, विभिन्नता व भागीदारी पर अपने विचार सांझा किए। इसके अलावा विज्ञान व टेक्नालोजी विभाग की डा.चम्मा अवस्थी व डा.राकेश पांडे ने फसलों की सुरक्षा में रोगाणुओं के प्रयोग, सामाजिक विकास में चिकस्तिक व खुशबूदार पौधों की भूमिका बारे अपने विचार रखे।

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