एक ऐसी गलती ने इस एक्टर को बंगले से चाल में रहने के लिए कर दिया मज़बूर-जरूर पढ़े यह किस्सा

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मुंबई। फ़िल्मी जगत। साल 2020 में रिलीज हुई अनुराग बासु की फिल्म ‘लूडो’ में इस्तेमाल किया गया गाना ‘ओ बेटा जी’ लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ था। इस गाने को सुनने के बाद लोग इसका ओरिजनल वर्जन यूट्यूब पर सर्च करने लगे। तब जाकर लोगों को पता चला कि यह फिल्म ‘अलबेला’ का गाना है जिसमें भगवान दादा नाम के एक्टर ने काम किया था। आज हम आपको भगवान दादा के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, भगवान दादा अपने समय के बड़े सितारों में से एक थे। भगवान दादा का असली नाम भगवान अबाजी पलव था। फिल्मों में आने से पहले उन्हें काफी बुरे दौर से गुजरना पड़ा। घर चलाने के लिए उन्हें मजदूरी तक करनी पड़ी, लेकिन वक्त का पहिया घूमा और वह कॉमेडी के बेताज बादशाह बन गए।
25 कमरों के बंगले में रहते थे भगवान दादा

उनके शौक को लेकर कई किस्से मशहूर हैं। कहा जाता है कि स्टार बनने के बाद वह 25 कमरों के घर में रहा करते थे। उनका यह बंगला जुहू में था। यही नहीं उन्हें महंगी कार रखने का भी शौक था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके पास 1-2 नहीं बल्कि 7 कारें थीं। हर दिन वह गाड़ियां बदल-बदल कर काम पर जाया करते थे। यहां तक तो एक्टर की लाइफ में सबकुछ ठीक चला, लेकिन किसे पता था कि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अपने करियर के पीक पर उन्होंने कुछ ऐसी गलती कर दी जिससे वह अर्श से फर्श पर आ गए।

एक गलती से बदली जिंदगी
भगवान दादा ने अपनी पूरी जमा पूंजी लगाकर एक फिल्म का निर्माण शुरू किया था। इस फिल्म का नाम ‘हंसते रहना’ था। फिल्म के लिए किशोर कुमार को बतौर लीड एक्टर सेलेक्ट किया गया था। माना जाता है कि इस फिल्म में किशोर कुमार को साइन करना उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी।

चॉल में गुजरी बाकी की जिंदगी

यह फिल्म कभी पूरी न हो सकी और भगवान दादा को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इतने बड़े आर्थिक नुकसान के बाद उन्हें तंगहाली में जिंदगी गुजारनी पड़ी। बंगला छोड़कर उन्हें चॉल में रहना पड़ा। इस झटके से वह कभी उभर नहीं पाए और उनकी मौत भी इसी चॉल में हुई।

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