अमृतसर। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने नकली नोटों को छापने और उत्तर भारत में उसे सप्लाई करने वाले पांच युवाओं को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में से तीन दिल्ली, एक अमृतसर और एक बटाला का है। जांच में सामने आया कि नकली नोट छापने का पूरा सेटअप पंजाब के न्यू अमृतसर में लगा हुआ था। आरोपियों से पुलिस ने 6 लाख रुपए के निकली नोट भी बरामद कर लिए हैं। सभी नकली नोट 100 रुपए के हैं, जिन्हें आरोपी 50 रुपए में मार्केट में सप्लाई किया करते थे।
मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली में नारायणा फ्लाईओवर के पास नकली नोटों की खेप पहुंच रही है। दिल्ली पुलिस की टीम ने ट्रैप बिछाकर दबिश दी और दिल्ली निवासी दो युवकों हर्ष गिरधर और करण सिंह को 1.80 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एक अन्य युवक सतीश ग्रोवर को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया। आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो गैंग के तार अमृतसर से जुड़ गए।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि नकली नोट बनाने की फैक्ट्री पंजाब के न्यू अमृतसर में है। यहीं से नोट छपकर पूरे उत्तर भारत में सप्लाई होते हैं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम अमृतसर पहुंची और विक्रमजीत सिंह नाम के युवक को 70 हजार रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। विक्रमजीत ने पुलिस के इस गैंग के किंगपिन और नोट छापने की तकनीक जानने वाले हर्षदीप ठाकुर के बारे में बताया। पुलिस ने न्यू अमृतसर में रेड की और तीन लाख रुपए के निकली नोट बरामद किए। इसके अलावा न्यू अमृतसर से उपकरण, मशीन और छपाई के लिए जरूरी कच्चा माल भी बरामद कर लिया है।
बेरोजगार व कर्ज में डूब जाने के बाद शुरू किया नोट छापने का काम
हर्षदीप सिंह की उम्र 27 साल है। उसने होशियारपुर से प्लास्टिक इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया है। मूलरूप से वह हिमाचल के जिला सोलन के गांव दत्तोवाल का रहने वाला है। अमृतसर में जॉब शुरू की, लेकिन बेरोजगार हो गया। जिसके बाद उसने नकली नोट बनाने का धंधा शुरू कर दिया। बटाला के गांव मारी पंवान का रहने वाला विक्रमजीत शिक्षण संस्थान चलाता था। लेकिन घाटा हुआ और कर्जे में डूबने लगा। जालंधर में उसकी दिल्ली निवासी सतीश से मुलाकात हो गई और वह भी इस नकली नोट के धंधे में जुड़ गया।