अब अरूसा पर घमासान : ग्रहमंत्री रंधावा पर बरसे कैप्टेन , हुयी ट्वविटर वार

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होशियारपुर। न्यूज़ डेस्क। पंजाब कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कैप्टन-सिद्धू में शुरू हुई लड़ाई अब अरूसा आलम तक पहुंच गई है। गृहमंत्री रंधावा ने शुक्रवार को अरूसा आलम के आईएसआई से संबंधों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे भड़के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को एक के बाद एक ट्वीट के जरिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने रंधावा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सूबे के पुलिस महानिदेशक को एक ऐसे मामले की जांच में लगा दिया है, जिसका कोई आधार ही नहीं है।

कैप्टन ने शुक्रवार को अपने पहले ट्वीट में रंधावा से पूछा कि ‘आप मेरी कैबिनेट में मंत्री थे। आपने कभी अरूसा आलम के बारे में शिकायत नहीं सुनी। वह 16 साल से भारत सरकार की मंजूरी के बाद ही भारत आ रही थीं। अब आप यह आरोप लगा रहे हैं कि इस अवधि में एनडीए और यूपीए दोनों सरकारों ने पाक आईएसआई के साथ मिलीभगत की थी?

दूसरे ट्वीट में कैप्टन ने लिखा- ऐसे समय में जब आतंकवाद का खतरा है और त्योहार नजदीक हैं, राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आपने डीजीपी को एक आधारहीन जांच पर लगा दिया है।

तीसरे ट्वीट में रंधावा को लिखा- ‘तो अब आप निजी हमले कर रहे हैं। यह पद संभालने के एक माह बाद क्या अब आप लोगों को अपनी यह उपलब्धि दिखाएंगे? बरगाड़ी और ड्रग्स के मामले में आपके लंबे वादों का क्या हुआ? पंजाब अब भी आपके वादे के मुताबिक कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।

विवाद की वजह: कैप्टन की महिला मित्र के खिलाफ जांच के आदेश
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अरूसा आलम के संबंधों और आईएसआई के साथ अरूसा के संबंधों की जांच के आदेश विधिवत रूप से जारी कर दिए। उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने गुरुवार को जालंधर में यह एलान किया था कि सरकार अरूसा आलम के आईएसआई लिंक की जांच करेगी। रंधावा का कहना है कि कैप्टन चार-पांच साल से पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन का मुद्दा उठाते रहे हैं और बार-बार कहते रहे हैं कि राज्य को आईएसआई से खतरा है। इसलिए हम उनकी पाकिस्तानी महिला मित्र के आईएसआई के संबंधों की जांच भी करेंगे। कैप्टन किस आधार पर आईएसआई के खतरे की बात करते रहे हैं। उनके पास इस संबंध में क्या जानकारी है?

इस बीच, सियासी हलकों में प्रदेश सरकार की ओर से अपनी ही पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री व उनकी मित्र के खिलाफ जांच शुरू होने को दोनों पक्षों के लिए हानिकारक माना जा रहा है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों पक्षों के परस्पर उलझे रहने से अन्य दलों को लाभ पहुंच सकता है।

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