होशियारपुर . तरनतारन के दलित युवक लखबीर की सिंघु बॉर्डर पर हुई नृशंस हत्या के संबंध में आज प्रैस वार्ता हुई। जिसमें भाजपा नेताओं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा, विजय पठानिया,सुरेश भाटिया बिट्टू, अश्वनी गैंद,मोहिंदर पाल सैनी, अर्चना जैन, यशपाल शर्मा, मीणा सूद,सुनीता, विवेक शर्मा, जीवेद सूद,संजीव शर्मा ने कहा कि देश का किसान बड़ा ही सरल, मेहनती व ईमानदार है। परंतु संयुक्त मोर्चा के नेता अपने स्वार्थ के लिए तथा अपनी ताकत का दिखावा करने के लिए आंदोलन के जरिए किसान को बदनाम कर रहे हैं व किसान का चेहरा तथा चरित्र बिगाड़ रहे हैं।
सूद ने कहा कि साधारण किसान का इस हिंसक आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है।उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा की घटक यूनियन के नेता उनके द्वारा चलाए जाने वाले आंदोलन में हो रहे अपराधों तथा अन्य शर्मनाक घटनाओं से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते। सूद ने कहा कि गांधी के देश में हिंसक आंदोलनों के लिए कोई स्थान नहीं है। संविधान में जो अपनी बात रखने की इजाजत भी दी गई है उसको अहिंसा के माध्यम से सत्याग्रह करने की छूट है। इस आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों के अंतर्गत नियंत्रित परिसरों में बलात्कार तथा हत्याओं की घटनाएं हुई हैं। उनके नियंत्रण के कारण सम्भाबित बहुत सारे आपराधिक मामले अंदर ही दब कर रह गए हैं। क्योंकि पुलिस तक को इन मामलों में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक अरुण नारंग पर हमला, दिल्ली के लाल किले पर उपद्रव तथा लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर के काफिले पर हमला करने व माव लिचिंग करने को संयुक्त मोर्चा बेबजहा नन्योचित ठहराता रहा है तथा ऐसी घटनाओं से पल्ला झाड़ने की कोशिश करता रहा। सूद ने उन तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं से प्रश्न किया कि वह अब मोमबत्तियां जला कर सिंघु बॉर्डर पर हुए घटना कांड पर दु:ख प्रकट करेंगे। सूद ने कहा कि राजनीतिक नेता वोटों के टुकड़ों के लालच में अंधाधुद संयुक्त मोर्चा के नेताओं की चाटुकारी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रहे हैं। उन्हें भी अगर किसान से हमदर्दी है तो गांव में वसे किसान के पास जाकर उनका दर्द जानना चाहिए। ना कि मोर्चा नेताओं को खुश करने के लिए उनकी चापलूसी करनी चाहिए। सूद ने पंजाब के दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से प्रश्न किया है कि चरणजीत सिंह चन्नी कल भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मंत्री पद से हटाये स्थानीय विधायक को रूठने से रोकने के होशियारपुर के दौरे की बजाये पंजाब के गरीब दलित की हत्या की सहानुभूति में सिंघु बॉर्डर पर पहुच कर परिवार को न्याय दिलवाना चाहिए ।