काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान राज के 1 साल पूरे हो गए हैं। तालिबान आतंकियों ने दुनिया से अपना वादा तोड़ते हुए अलकायदा आतंकियों को शरण देना शुरू कर दिया है। अलकायदा के आतंकी अफगानिस्तान में अपने ट्रेनिंग कैंप को फिर से खड़ा कर रहे हैं। इससे दुनिया के लिए एक बार फिर से अलकायदा आतंकी बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। ब्रिटिश सूत्रों ने बताया कि अलकायदा के आतंकी अफगानिस्तान में अपने छोटे-छोटे अड्डे बना रहे हैं और वहां व्याप्त अस्थिरता का फायदा उठाकर अपने लड़ाकुओं को तैयार कर रहे हैं।
ब्रिटिश अखबार मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में अलकायदा से जुड़े कई हजार लोग मौजूद हैं और उनमें से कई की मदद अफगान तालिबान कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए इस खतरे से निपटने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। माना जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने अयमान अल जवाहिरी की हत्या के बाद अलकायदा के एक अड्डे को भी तबाह कर दिया था। यह स्थल गजनी प्रांत में था जो पहले अमेरिकी सेना का सैन्य अड्डा रह चुका था।
माना जा रहा है कि अलकायदा ने इस अड्डे पर कब्जा कर लिया था। पश्चिमी देशों के एक सैन्य सूत्र ने कहा कि यह संदिग्ध ड्रोन हमला जवाहिरी की मौत के ठीक बाद किया गया था। यह हमला दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का एक नया चरण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, ‘यह संभवत: एक आतंकी ट्रेनिंग कैंप था। जवाहिरी की काबुल में उपस्थिति इस बात का सबूत है कि अलकायदा अफगानिस्तान में पिछले कुछ समय से अपने पैर फिर से पसार रहा है।’