सर्दियों का मौसम आते ही लोगों को नाक बहने की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह आमतौर पर ठंड के संपर्क में आने पर होता है, लेकिन इसके पीछे क्या कारण है? नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने इस पर एक रोचक व्याख्या दी है।
ठंडी हवा का असर
ठंड के मौसम में जब हम सांस लेते हैं, तो हमारी नाक का प्राथमिक कार्य हवा को फेफड़ों के लिए उपयुक्त बनाना होता है। नाक इस ठंडी हवा को गर्म और नम करती है ताकि यह फेफड़ों को नुकसान न पहुंचाए। लेकिन जब ठंडी या शुष्क हवा बार-बार नाक के अंदर पहुंचती है, तो यह नाक की अंदरूनी परत को परेशान करती है।
अतिरिक्त बलगम का उत्पादन
नाक की अंदरूनी परत में मौजूद ग्रंथियां इस परेशानी का समाधान खोजने की कोशिश करती हैं। वे नाक की परत को नम रखने के लिए अतिरिक्त बलगम (म्यूकस) बनाती हैं। यही कारण है कि सर्दियों में नाक बहने लगती है। इसे “राइनोरिया” कहा जाता है।
क्या यह कोई बीमारी है?
यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और आमतौर पर चिंता का विषय नहीं है। यह शरीर का तरीका है खुद को ठंडी हवा के प्रभाव से बचाने का। हालांकि, अगर नाक बहने के साथ बुखार, सिरदर्द या गले में दर्द जैसी अन्य समस्याएं भी हों, तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
इसे रोकने के उपाय
- नाक को ढकें: जब भी बाहर जाएं, अपनी नाक को स्कार्फ या मास्क से ढक लें।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पीना नाक की नमी बनाए रखने में मदद करता है।
- ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें: घर के अंदर की हवा में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
- नाक की सफाई करें: दिन में दो बार नाक को नमक वाले पानी से साफ करें।
निष्कर्ष
ठंड में नाक बहना एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो हमारे शरीर को ठंडी हवा से बचाने के लिए होती है। इसे रोकने के लिए कुछ साधारण उपाय अपनाए जा सकते हैं। अगर समस्या गंभीर लगे, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।