होशियारपुर। फ़िल्मी जगत। बेहद खूबसूरत और दिलकश अदाकारा नरगिस पर उस जमाने में हर कोई फिदा था। जहां नरगिस की सुंदरता के कायल राज कपूर थे, वहीं दिलीप कुमार भी एक्ट्रेस पर अपना दिल हार बैठे थे। तो वहीं दूसरी तरफ मुगल-ए-आजम के डायरेक्टर के आसिफ भी नरगिस को चाहते थे। जब 40 के दशक में ‘मुगल-ए-आजम’ बनाई जा रही थी उस वक्त सलीम को फाइनलाइज कर लिया गया था। पर अभी अनारकली का चयन चल रहा था। लेकिन आजादी के बाद इस फिल्म के निर्देशक पाकिस्तान जा बसे और फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई।
फिर के आसिफ ने इस फिल्म को बनाने का जिम्म उठाया। तब उन्होंने अपनी फिल्म में सलीम के किरदार के लिए दिलीप कुमार को कास्ट किया। वहीं नरगिस को अनारकली बनाया गया। लेकिन जब इस बारे में नरगिस को पता चला कि सलीम का किरदार दिलीप कुमार निभाएंगे तो उन्होंने इस फिल्म में काम करने से इनकार कर दिया। राजकुमार केसवानी की किताब ‘मुगल-ए-आजम’ में इस बात का जिक्र है।
नरगिस की ना के पीछे दो कारण माने गए। पहला ये कि दिलीप कुमार और राज कपूर बहुत अच्छे दोस्त थे। ऐसे में नरगिस राज कपूर के दोस्त के साथ रोमांस कैसे कर सकती थीं! रिपोर्ट्स के मुताबिक राज कपूर भी नहीं चाहते थे कि नरगिस उस फिल्म में काम करें। और दूसरी वजह ये बताई जाती है कि फिल्म ‘हलचल’ के दौरान नरगिस की मां जद्दनबाई के आसिफ और दिलीप कुमार से नाराज हो गई थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म में दिलीप और नरगिस के बीच कुछ बेवजह के इंटीमेट सीन रखवाए गए थे, जिससे नरगिस की मां नाराज हो गई थीं। ऐसे में नरगिस ने मुगल-ए-आजम के लिए भी ना कर दिया था।
बता दें, इसके बाद फिल्म मुगल-ए-आजम दिलीप कुमार और मधुबाला के साथ बनकर तैयार हुई। ये फिल्म आज भी हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म मानी जाती है। इस दौरान मधुबाला और दिलीप कुमार की लव-स्टोरी भी शुरू हुई जो किसी से छिपी नहीं। दोनों की जोड़ी को मुगल-ए-आजम में लोगों ने खूब पसंद किया था। एक समय तो ऐसा था कि सिर्फ मधुबाला को देखने के लिए दिलीप कुमार मुंबई से पुणे आते थे।