भारत को खास दर्जा दिलाने वाला बिल में पास नहीं हो पाया। संसद भारत को अमेरिका के स्पेशल ग्लोबल पार्टनर के तौर पर पहचान दिलाने में नाकाम रही। इस बिल को टॉप रिपब्लिकन सीनेटर ने प्रपोज किया था। अगर ये बिल पास हो जाता तो भारत को अमेरिका के ग्लोबल स्ट्रैटजिक और डिफेंस पार्टनर का दर्जा हासिल हो जाता।
मोदी के कांग्रेस में एड्रेस के बाद पेश किया गया था बिल…
– यूएस कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन में पीएम नरेंद्र मोदी के एड्रेस के एक दिन बाद ही ये बिल पेश किया गया था।
– टॉप रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने ये बिल यूएस कांग्रेस में प्रपोज किया था।
– इसमें नेशनल डिफेंस ऑथोराईजेशन एक्ट (2017) में बदलाव की बात की गई थी।
– इस बिल के जरिए भारत के साथ बाइलैट्रल रिलेशन का दर्जा बढ़ाने की मांग की गई थी।
– संसद में नेशनल डिफेंस ऑथोराईजेशन एक्ट (एनडीएए) को दोनों पार्टियों ने 85-13 के वोट से पास किया।
– लेकिन इस एक्ट के कई अहम अमेंडमेंट्स संसद में पास नहीं किए गए।
– मैक्केन ने इस पर निराशा जताते हुए कहा कि इन अमेंडमेंट्स को गंभीरता से नहीं लिया गया।
…तो किन फील्ड्स में बेहतर सहयोगी होते दोनों देश?