रोजाना पैदा कर रहीं रोपड़ की तीन यूनिट 600 मेगावाट, सरकारी थर्मल प्लांट ही आए काम

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रूपनगर : देश में पैदा हुए बिजली संकट के चलते पावरकाम मैनेजमेंट को अब सरकारी थर्मल प्लांटों के उत्पादन की जरूरत आन पड़ी है। गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट रूपनगर की यूनिटों को बिजली उत्पादन के लिए दोबारा चालू कर दिया गया है। पंजाब सरकार ने प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ किए समझौतों के बाद सरकारी थर्मल प्लांटों की यूनिटों को या तो लंबे समय के लिए बंद कर दिया था या फिर यूनिटों को अक्सर आधे से कम लोड पर चलाया जाता था।

कर्मचारी संगठनों द्वारा यूनिट चलाने के लिए किए जाते संघर्ष के बावजूद भी सरकारी यूनिटों को सिर्फ तभी चलाया जाता था, जब प्राइवेट थर्मल प्लांटों को किसी तकनीकी नुकस के कारण या अन्य किसी वजह से बंद करने की जरूरत पड़ती थी। अहम बात ये है कि थर्मल प्लांट रूपनगर के कुल छह यूनिट पहले चालू हालत में थे। दो यूनिटों को पुराना और इस्तेमाल लायक न होने का दावा करते हुए पक्के तौर पर बंद कर दिया गया था। चार यूनिट ही बचे हैं। हरेक यूनिट की बिजल उत्पादन की क्षमता प्रतिदिन 210 मेगावाट है।

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