अगर यूक्रेन रूस की आपत्तियों पर ध्यान देता तो इस युद्ध से बचा जा सकता था- कमल चौधरी

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होशियारपुर।सौरभ बागी । डिफेंस कमेटी के पूर्व चेयरमैन कमल चौधरी ने यूक्रेन और रूस के मध्य छिड़ी जंग को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अगर यूक्रेन रूस की आपत्तियों पर ध्यान देता तो इस युद्ध से बचा जा सकता था | आज जहां अपने निवास पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज जो यूक्रेन भारत से मदद की गुहार लगा रहा है उसे याद रखना होगा कि पोखरण परीक्षण के समय सबसे पहले उसने ही भारत के खिलाफ आवाज उठाई थी | इतना ही नहीं वह भारत के विरुद्ध पाकिस्तान को हमेशा से ही हथियारों की सप्लाई करता रहा है | यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थाई सदस्यता का भी उसने विरोध किया था | ऐसे में हम यूक्रेन पर भरोसा करके रूस के साथ संबंध नहीं बिगड़ सकते | पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के ऐलान के साथ ही कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर किसी भी देश ने यूक्रेन-रूस वॉर में घुसने की कोशिश की तो अंजाम भयानक होगा | श्री चौधरी ने कहा कि अब तक के युद्ध में इतनी बमबारी के बावजूद यूक्रेन के केवल 137 नागरिक ही मारे गए और 300 घायल हुए हैं | अगर रूस चाहता तो वे पूरे यूक्रेन को ध्वस्त कर सकता था | श्री चौधरी ने कहा कि 2014 के बाद रूस व यूक्रेन में लगातार तनाव व टकराव को रोकने व शांति कायम कराने के लिए पश्चिमी देशों ने पहल की थी | फ्रांस और जर्मनी ने 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में दोनों के बीच शांति व संघर्ष विराम का समझौता कराया।
हाल ही में यूक्रेन ने नाटो से करीबी व दोस्ती गांठना शुरू किया। 1949 में तत्कालीन सोवियत संघ से निपटने के लिए नाटो यानी ‘उत्तर अटलांटिक संधि संगठन’ बनाया गया था। यूक्रेन की नाटो से करीबी पर रूस आपत्ति जता चुका था | लेकिन यूक्रेन ने उसे नजरअंदाज कर दिया |आखिरकार रूस ने अमेरिका व अन्य देशों की पाबंदियों की परवाह किए बगैर गुरुवार को यूक्रेन पर हमला बोल दिया। अब तक तो नाटो, अमेरिका व किसी अन्य देश ने यूक्रेन के समर्थन में जंग में कूदने का एलान नहीं किया है। क्योंकि वह जानते हैं कि रूस एक शक्तिशाली देश है | श्री चौधरी ने भारतीय प्रधानमंत्री की सराहना करते कहा कि उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को निकालने के लिए हर जरूरी कदम उठाया है | इसीलिए अब धीरे-धीरे भारतीय विद्यार्थियों की वतन वापसी हो रही है | उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की बात दोनों देश सुन रहे हैं और जल्द ही यह युद्ध समाप्त हो जाएगा |

 

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