गागर में सागर का काम किया है, तलवाड़ की दीवार के उस पार किताब ने: डा. धर्म पाल साहिल।

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होशियारपुर। संजीव तलवाड़ दवारा लिखित किताब दीवार के उस पार में कर्तव्य एव अधिकारों के संतुलन की सही परिभाषा बताई गई है। जीवन में जिन लोगों ने संघर्ष के माध्यम से कोई मुकाम हासिल किया है, ऐसी रचनाएं उन की कलम से ही निकलती हैं। उपरोक्त शब्द राष्ट्रपति दवारा सम्मानित लेखक डा़ धर्म पाल साहिल ने आज दीवार के उस पार किताब पर रखे गए समीक्षा कार्य्रकरम को संबोधित करते हुए कहे।
धर्मपाल साहिल ने कहा कि साहित्य एक ऐसी धरोहर है, जिस के कारण समाज को सही कैसे चलना है, वह दिशा मिलती है। उन्होने कहा कि अगर साहित्य कहीं खुद दिशाहीन हो जाए, तो समाज का विनाश हो सकता है। इस लिए ऐसे साहित्यकार, जो समाज के उत्थान के लिए कार्य करते हैं,उन का समय समय पर सत्कार होना जरूरी है ।
इस मौके पर प्रसिध्द कवि कशिश होशियारपुरी ने तलवाड़ दवारा लिखित रचनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि हर इंसान के जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो दूसरों के लिए प्रेरणा साबित हो सकती हैं, फिर वह घटना इंसान के लिए चाहे सकारात्मक रही हो या नकारात्मक, अगर इन्हे शब्द सही दे दिए जाएं, तो हर घटना शिक्षावर्धक हो सकती है, ऐसा ही कार्य इस किताब में किया गया है। उन्होने कहा कि यह किताब कर्मशील लोगों के लिए बहुत लाभदायक सिध्द होगी।
इस मौके पर संजीव तलवाड़ ने कहा कि हर आदमी के जीवन में रोजाना कोई न कोई ऐसा कार्य होता है, जो उस के जीवन में महत्तवपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्ही कार्यों के शुरू कर शब्दों के माधयम से लोगों को कुछ अच्छा बताने का प्रयास किया है। उन्होने कहा कि इस के लिए उन के दोस्तों एवं कहानी के उन पात्रों ,जिन का मेरे जीवन पर प्रभाव रहा है, मैं उन का सदैव कर्जदार रहूंगा। तलवाड़ ने बताया कि किताब का दूसरा अंक भी जल्द ही लोगों के बीच होगा।
इस मौके पर समाजसेवी डा़ अजय बज्गा ने भी अपने विचार रखे।

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