नई दिल्ली: देश में एक बार फिर बिजली संकट गहरा सकता है और यह बिजली कटौती का कारण बन सकता है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के अनुसार जुलाई-अगस्त में बिजली संकट गहराने की आशंका है। ताप विद्युत संयंत्रों में मानसून से पहले कोयले का स्टाक कम होने के कारण यह संकट और गहराएगा। देश के सभी बिजली संयंत्रों में इस समय 20.7 मीट्रिक टन कोयला स्टाक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून के आने के बाद खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयले के खनन और परिवहन में और बाधा आएगी। इसने यह भी कहा कि देश में हालिया बिजली संकट कोयला उत्पादन के कारण नहीं बल्कि सही तरह से वितरण नहीं होने के कारण उत्पन्न हुआ। कोयला परिवहन के लिए योजना बनाने की जरूरत है।
7 साल बाद कोल इंडिया करेगी कोयला आयात
स्थिति यह बन रही है कि कई सालों बाद सरकारी कंपनी कोल इंडिया कोयले का आयात करेगी। इससे पहले 2015 में कोल इंडिया ने कोयला आयात किया था। तब देश में भीषण बिजली कटौती हो रही थी। अब फिर से बिजली कटौती की आशंका जताई जा रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।