सस्‍ते हवाई टिकट की छिड़ेगी जंग, आकासा कैसे बदलेगी समीकरण, समझिए

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नई दिल्‍ली: आने वाले दिनों में हवाई सफर (Air Fare) सस्‍ता हो सकता है। इसके लिए रास्‍ता साफ हो रहा है। ऐसा कंपनियों में प्रतिस्‍पर्धा के कारण होगा। द‍िग्‍गज न‍िवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) की आकासा एयर (Akasa Air) इस सेक्‍टर में कदम रखने वाली सबसे नई कंपनी बन गई है। रविवार को उसकी पहली कमर्शियल फ्लाइट ने उड़ान भरी। यह बजट एयरलाइन है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच यह रोजाना दो फ्लाइट ऑपरेट करेगी। 22 जुलाई को टिकट की बुकिंग शुरू होते ही कुछ घंटों में ये बिक गए थे। आकासा एयर इंडिगो (Indigo) के ग्राहक तोड़ेगी। आकासा एयर में कोई बिसनेस क्‍लास नहीं है। यह बताता है कि आकासा का मॉडल बिल्‍कुल साफ है। वह ज्‍यादा से ज्‍यादा ग्राहकों को टिकट की कम कीमत रखकर लुभाएगी। आकासा के टिकटों की कीमतें अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले औसतन 22 फीसदी कम हैं। एविएशन सेक्‍टर में इंडिगो का दबदबा है। उसे आकासा एयर से सीधी टक्‍कर मिल सकती है।

आकासा ने कॉम्पिटीटिव प्राइसिंग रखकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। एयरलाइन ने मुंबई-अहमदाबाद रूट पर एक तरफ का न्यूनतम किराया 3,948 रुपये रखा है। इस रूट पर दूसरी एयरलाइंस का किराया 4,262 रुपये है। 22 जुलाई को कंपनी ने ट‍िकटों की बुक‍िंग शुरू की थी तो कुछ घंटों में सारी ट‍िकट ब‍िक गई थीं। आकासा एयर 13 अगस्‍त से बेंगलुरु-कोचि, 19 अगस्‍त से बेंगलुरु-मुंबई और 15 सितंबर से चेन्‍नई-मुंबई के लिए सेवाएं शुरू कर देगी। मुंबई-अहमदाबाद रूट पर रोजाना दो फ्लाइटें ऑपरेट होंगी। एयरलाइन अपने विमानों का बेड़ा भी बढ़ाएगी। 18-20 महीनों में इसे 20 तक किया जाएगा।
सेक्‍टर में बढ़ी है हलचल

एविएशन सेक्‍टर में हाल में हलचल बढ़ी है। आकासा जैसी नई कंपनियों की एंट्री हुई है तो जेट एयरवेज का रिवाइवल हुआ है। टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्‍सप्रेस, विस्‍तारा और एयरएशिया इंडिया का कंसोलिडेशन किया है। इस हलचल ने बजट एयरलाइन इंडिगो पर दबाव बनाया है। वह सेक्‍टर की सबसे धाकड़ कंपनी है। उस पर विमान ईंधन एटीएफ की बढ़ती कीमतों और कमजोर रुपये की दोहरी समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है। अब आकासा की एंट्री से उसके लिए कीमतों के निर्धारण का दबाव बढ़ेगा।

एविएशन बहुत प्राइस सेंसिटिव सेक्‍टर है। इसमें टिकट के मूल्‍य का बहुत मायने होता है। ऐसे में सेक्‍टर में टिके रहने के लिए प्राइसिंग पर सभी कंपनियों का फोकस होता है। इंडस्‍ट्री के दिन भी बहुत अच्‍छे नहीं चल रहे हैं। विमान ईंधन के दामों में तेजी है। कंपनियां सैलरी कट को मजबूर हैं। आकासा और एविएशन सेक्‍टर की दूसरी कंपनियों में बड़ा अंतर यह है कि झुनझुनवाला पर किसी तरह की देनदारी नहीं है। वह नई शुरुआत कर रही है।

झुनझुनवाला के बारे में एक बात बहुत चर्चित है। वह जहां हाथ डालते हैं, वहां से सोना निकलने लगता है। आकासा में सबसे बड़ी हिस्‍सेदारी राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्‍नी रेखा की है। कुल मिलाकर वे 45.97 फीसदी हिस्‍सेदार हैं। अन्‍य हिस्‍सेदारों में विनय दुबे, संजय दुबे, नीरज दुबे, माधव भटकुली, पीएआर कैपिटल वेंचर्स, कार्तिक वर्मा शामिल हैं। ये सभी बेहद अनुभवी हैं। झुनझुनवाला पहले ही कह चुके हैं कि यह उनकी भी परीक्षा है। वह नाकाम होने के लिए तैयार हैं। वह कह चुके हैं कि उनके लिए अब यह एयरलाइन प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। झुनझुनवाला ने बोला था कि वह लोगों को गलत साबित करना चाहते हैं। 62 साल के झुनझुनवाला ने आकासा एयर में 3.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।

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