होशियारपुर : मानसिक रोगी होने का परिचय देते हुए जो लोग वाहनों में प्रैशर हॉर्न लगवाते हैं या मोटरसाइकिल का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण करने वालों से ट्रैफिक पुलिस को सख्ती से निपटना चाहिए तथा ऐसे मनोरोगियों का इलाज करना बहुत जरुरी है। क्योंकि, यह लोग सडक़ पर चलने वाले अन्य रागहीरों के लिए किसी सिर दर्द से कम नहीं है और इनके कारण रोजाना कई लोग हादसों का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए इन पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु पुलिस को व्यापक स्तर पर अभियान चलाना चाहिए। यह मांग भारत विकास परिषद के अध्यक्ष व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में एसएसपी होशियारपुर से की। श्री अरोड़ा ने कहा कि यह बात हम सभी भलीभांति जानते हैं कि ध्वनि प्रदूषण के कारण कई प्रकार के रोग हो सकते हैं तथा इससे बीमार व्यक्तियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके कई पढ़े लिखे लोग वाहनों पर प्रैशर हॉर्न लगाकर बाजारों में बजाते हुए दिख जाते हैं। ऐसा करके वे अपनी घटिया मानसिकता का भी सबूत देते हैं। इतना ही नहीं साइलेंसर बदलवाने वाले तो उनसे भी ऊपर हैं। जो इतनी तेज ध्वनि करते हैं कि पूरा बाजार एवं समस्त लोग पूरी तरह से परेशान हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को बिलकुल भी बख्शा न जाए जो दूसरों के लिए परेशानी बनते हों। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को समझाएं कि वे ऐसा न करें। जो बच्चे ऐसा करके दूसरों को परेशान करते हैं उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि इसके कारण उनका अपना भी कोई हादसे का शिकार हो सकता है। ऐसी स्थिति में उनके पास पछतावे के सिवाये कुछ नहीं होगा। श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रैशर हॉर्न के कारण वे खुद भी कई बार हादसाग्रस्त होते-होते बचे हैं और कई लोगों को उन्होंने इसके कारण घायल होते व मुश्किल से अपना बचाव करते हुए देखा है। इसलिए जिला पुलिस प्रमुख से यह अपील है कि वे ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश जारी करें ताकि प्रैशर हॉर्न एवं साइलेंसर बदलवाने वालों को सबक मिल सके।