एसआईटी (SIT ) ने फर्जी आईजी द्वारा अवैध वसूली के मामले का किया भंडाफोड़

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मंडी। न्यूज़ डेस्क। हिमाचल के कारोबारियों से करोड़ों की अवैध वसूली के मामले में सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इसमें हरियाणा सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। एक पीएसओ की भी इसमें संलिप्तता पाई गई है। इनकी मदद से फर्जी आईजी हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़, बद्दी, कालाअंब में उद्योगपतियों से अवैध वसूली करता था। यह वसूली तीन साल से चल रही थी। एसआईटी ने हरियाणा सरकार के दो पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें कॉस्टेबल रविंद्र और दूसरा जेल वार्डन जसवीर है।
यह फर्जी आईजी विनय अग्रवाल के साथ वर्दी मेें हथियारों के साथ रहते थे। इस गिरोह में और भी बड़े लोग शामिल हैं। जल्द ही वरिष्ठ अधिकारी और अन्य अधिकारियों की इस मामले में गिरफ्तारियां होंगी। सूत्र बताते हैं कि अवैध वसूली का यह पैसा कई लोगों में बंटा है। इधर, डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के उद्योगपति जो इस गिरोह के शिकार हैं, वे डीजीपी और एसआईटी के संपर्क कर सकते हैं, जिससे कानूनी कार्रवाई से वित्तीय नुकसान की भरपाई की जा सके।
एसआईटी के मुताबिक रविंद्र जिला सोनीपत, जसवीर जगाधरी जेल यमुनानगर में तैनात है। एसआईटी ने नाहन कोर्ट में इन्हें पेश किया, जहां से इन्हें नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि जो भी उद्योगपति या अन्य इस गिरोह के शिकार हुए हैं, वे मोबाइल नंबर 9818153766 पर पुलिस के साथ संपर्क कर सकते हैं। व्यक्तिगत मुलाकातों के माध्यम से अपनी बात साझा की जा सकती है।
क्या है मामला
हरियाणा के विनय अग्रवाल पुलिस के साथ फर्जी आईजी (आईबी) बनकर उद्योगपतियों से अवैध वसूली कर रहा था। लगातार प्रताड़ित किए जाने पर उद्योगपतियों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। इसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन की और एसआईटी बनाई। तब से पुलिस इस गिरोह के पीछे लगी हुई थी।

शिमला में आरोपी अग्रवाल और सेठी से चल रही पूछताछ
फर्जी आईजी मामले में कारोबारियों से 1.49 करोड़ रुपये की अवैध वसूली करने का आरोप है। हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले आरोपी विनय अग्रवाल का एक साल में 4 करोड़ रुपये का टर्न ओवर है। फ र्जी आईजी के साथी राजीव सेठी से भी एसआईटी की शिमला मेें लंबी पूछताछ चल रही है। इसमें कई सबूत मिले हैं। सेठी आरोपी अग्रवाल का दोस्त बताया जा रहा है। इसने ही कालाअंब में फर्जी आईजी को उद्योगपति जगवीर से मिलाया था।
मेरे पर लगाए गए सारे आरोप झूठे – अग्रवाल
फर्जी आईजी मामले के आरोप में फंसे विनय अग्रवाल ने बताया कि फार्मा कंपनी के मालिक जगवीर सिंह मेरे पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। चार साल से उनके साथ व्यापारिक संबंध थे। यह बात जगवीर भली भांति जानता है। उन्होंने कहा कि आईजी बनकर किसी भी उद्योगपति से अवैध वसूली नहीं की है। उनका यह भी मानना है कि वह कभी बद्दी, नालागढ़ और कालाअंब अवैध वसूली करने नहीं गया। उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताया है।

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