रूपाली देसाई बनी अमेरिका में दक्षिण एशियाई मूल की पहली न्यायाधीश

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वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेट ने ‘नाइंथ सर्किट’ के लिए अमेरिकी अपीली अदालत में भारतीय-अमेरिकी वकील रूपाली एच देसाई की नियुक्ति की पुष्टि कर दी है। इसी के साथ वह इस शक्तिशाली अदालत में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने वाली दक्षिण एशियाई मूल की पहली न्यायाधीश बन गई हैं। अमेरिका के दोनों दलों-डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लकिन पार्टी के 67 सांसदों ने बृहस्पतिवार को देसाई के समर्थन में मतदान किया, जबकि 29 सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट दिया। ‘नाइंथ सर्किट’ का मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में है। यह देश की 13 अपीली अदालतों में सबसे बड़ी है।

 

सीनेट की न्याय संबंधी मामलों की समिति के प्रमुख एवं बहुमत के सचेतक डिक डरबिन ने कहा, ‘‘यह कोई हैरत की बात नहीं है कि देसाई के नामांकन को राजनीतिक और वैचारिक गलियारों में काफी सराहा गया। इसके अलावा राज्य के न्यायाधीशों, कानूनी प्रवर्तन अधिकारियों और दमकल सेवा से जुड़े तीन संगठनों ने उनके नामांकन का समर्थन किया है। वकील के रूप में 16 साल का अनुभव रखने वाली देसाई नाइंथ सर्किट में असाधारण योगदान देंगी।” देसाई ‘कॉपस्मिथ ब्रोकेलमैन’ में साझेदार हैं, जहां वह 2007 से वकालत कर रही हैं।

उन्होंने 2005 से 2006 तक नाइंथ सर्किट के लिए अमेरिकी अपीली अदालत में मुख्य न्यायाधीश मैरी श्रोएडर की ‘विधि लिपिक’ के रूप में सेवाएं दी थीं। देसाई ने 2005 में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना’ से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। एरिजोना की सीनेटर क्रिस्टेन साइनेमा ने कहा कि एरिजोना इस पद पर देसाई की नियुक्त की पुष्टि किए जाने से गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ‘भारतीय अमेरिकन इम्पैक्ट’ के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा ने कहा कि एरिजोना की अटॉर्नी के रूप में देसाई ने साहसिक एवं प्रेरणादायी कार्य किया, जिसके कारण उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी और उन्हें यह पद मिला, जिस पर उन्हें निश्चित तौर पर बहुत गर्व होगा।

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