पढ़िए कहानी ! तीन कैदियों की जो दुनिया की सबसे खतरनाक जेल से भाग निकले

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होशियारपुर। आज बात दुनिया की सबसे खतरनाक जेल मानी जाने वाली अलकाट्राज जेल से तीन कैदियों के भाग निकलने की। कहा जाता था कि बीच समुद्र के एक सूनसान टापू पर बनी इस जेल में कैदी सजा काटने की बजाय आत्महत्या करना ज्यादा पसंद करते थे। यहां की सख्ती और सालों से इस जेल के लिए बनाया गया लोगों के बीच भय इसका मुख्य कारण था। इस जेल को साल 1934 में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सैन फ्रांसिस्को में बनाया गया था, जहां से कैदियों का भाग पाना नामुमकिन माना जाता था।

एफबीआई (FBI) के मुताबिक, साल 1962 में तीन कैदी ऐसे थे जो जेल से भाग निकले थे; लेकिन एजेंसी उन्हें हमेशा मृत मानती रही। इनके नाम जॉन एंगलिन, फ्रैंक मॉरिस और क्लेरेंस एंगलिन थे। एक बार जॉन व क्लेरेंस एंगलिन के परिजनों ने दावा किया था कि वे दोनों भाई जिंदा है, लेकिन वह कभी सामने नहीं आए। हालांकि, इनके जेल से भागने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन नाम के दो भाई इस जेल में सजा काट रहे थे। जेल में रहने के दौरान दोनों भाइयों की मुलाकात मॉरिस और एलन नाम के दो अन्य कैदियों से हुई। काफी समय साथ गुजारने के बीच इन चारों ने मिलकर जेल से भागने का प्लान बनाया। बताया जाता है कि मॉरिस शातिर अपराधी था और वह कई सालों से इस जेल में बंद था। मॉरिस ने मुख्य तौर पर भागने की योजना बनाई लेकिन उसके लिए कई सामानों की जरूरत थी।

सजा काटने के दौरान मॉरिस खनन के साथ पुराने वाद्य यंत्रों का सुधारने का काम करता था। वहीं एंगलिन भाई जेल में पुतले बनाने का काम करते थे। एंगलिन भाइयों ने जहां कुछ लकड़ी और रेनकोट के हिस्से जुटाए तो वहीं मॉरिस ने लोहे के कुछ टुकड़े इकट्ठा किये। इसके अलावा इन चारों ने रसोई से कुछ चम्मच और छुरी भी चुराई थी। यह सब काम दुनिया की सबसे खतरनाक और महफूज जेल में सुरक्षाकर्मियों की नजरों से बचकर किया जा रहा था।

कई दिनों की मशक्कत के बीच जॉन एंगलिन, फ्रैंक मॉरिस, एलन और क्लेरेंस एंगलिन ने रात के अंधेरे में खारे पानी से खराब हुई दीवार में छेद कर लिया। जून, 1962 में जॉन एंगलिन, फ्रैंक मॉरिस और क्लेरेंस एंगलिन छेद से बाहर आ गए लेकिन एलन फंस गया। बताया जाता है कि वह जुटाए गए सामानों से नाव बनाकर समुद्र में उतर गए। हालांकि, जेल प्रशासन का कहना था कि बाहर समुद्र का पानी इतना ठंडा था कि वह 20 मिनट से ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकते थे।

कई सालों तक केस में एफबीआई जांच करती रही लेकिन 15 साल बाद केस बंद कर दिया गया। हालांकि, इस रहस्यमयी जेल ब्रेक के एक साल बाद 1963 में सबसे खतरनाक जेल मानी जाने वाली अलकाट्राज जेल को भी बंद कर दिया था। इसके अलावा भागे कैदी जॉन व क्लेरेंस एंगलिन के तीसरे भाई ने कई सालों बाद दावा किया था कि वह दोनों जेल से भागने के बाद जिंदा रहे थे। कहा जाता है कि इन दावों के बीच दोनों एंगलिन भाई कभी सामने नहीं आए थे।

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