होशियारपुर : रयात बाहरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, होशियारपुर के मैकेनिकल विभाग में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और इमर्जेंट मैटेरियल्स पर पहली अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई, जिससे ज्ञान और नवाचार के महत्व को दर्शाया गया।
कॉन्फ्रेंस में आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. सुशील मित्तल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की और बताया कि ये तकनीकें निर्माण उद्योग को अधिक उन्नत और पर्यावरण अनुकूल बना रही हैं। उन्होंने उद्योग और शिक्षा जगत के सहयोग से नई तकनीकों के विकास पर जोर दिया।
कॉन्फ्रेंस के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. गुरजीत सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और इमर्जेंट मैटेरियल्स औद्योगिक क्रांति और सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि नई तकनीकों के प्रयोग से उद्योगों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और लागत कम होगी।
कैंपस डायरेक्टर डॉ. चंद्र मोहन ने अपने संबोधन में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उद्योगों को आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए।
इस मौके पर पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अकादमिक डीन डॉ. विकास चावला , डॉ विजय कुमार बंगा डायरेक्टर क्वालिटी एजुकेशन रयात बाहरा ग्रुप और क्वांटम पेपर्स लिमिटेड के सहयोगी उपाध्यक्ष अजय शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए।
कॉन्फ्रेंस में तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें उद्योग और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और अनुभव साझा किए। इन सत्रों में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, नई निर्माण तकनीकों और टिकाऊ सामग्रियों पर चर्चा हुई।
कॉन्फ्रेंस के आयोजक और मैकेनिकल विभाग के प्रमुख डॉ. गौरव पराशर ने कहा कि इस तरह के मंच उद्योग और शिक्षा जगत को करीब लाने और नई तकनीकों को समझने में सहायक होते हैं। उन्होंने सभी शोधकर्ताओं, विद्वानों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और इस सम्मेलन को सफल बताया। इस मौके कैंपस के सभी डायरेक्टर -प्रिंसिपल , विभागों के प्रभारी और अध्यापक मौजूद थे।