जालंधर : डेंगू हर साल प्रशासन की ‘मच्छरदानी’ में छेद कर रहा है और इसके बचाव को लेकर अधिकारी हाथ मलते रह जाते है। सेहत विभाग आधे कर्मचारियों की फौज के बल पर लोगों को डेंगू को हराने का सपना देख रहा है। हर साल डेंगू से बचाव के लिए कमेटियां बनाई जाती है लेकिन वह फाइलों में ही सिमटकर रह जाती है। सेहत विभाग के अनुसार, जिले में मेल हेल्थ वर्करों के कुल 224 पद है। इनमें से 88 के करीब पद लंबे अर्से से खाली है। 43 प्रतिशत स्टाफ की कमी के अलावा करीब तीन दर्जन के करीब कर्मचारी अपने गृह जिलों या फिर विभाग के अफसरों की तीमारदारी में जुटे है।
शहर में हालात और भी नाजुक है। शहर में 25 कर्मचारियों में से 16 डेपुटेशन पर अपने गृह जिलों में सरकारी नौकरी का मजा लूट रहे है। कर्मचारी गृह जिलों में ड्यूटी कर रहे है परंतु वेतन यहां से पा रहे है। समस्या का समाधान करने के लिए विभाग राजनीतिक दबाव के आगे बेबस है। मच्छर जांच के लिए भेजने वाले कर्मियों के तीन पद है और दो खाली पड़े है।
तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, जी मचलाना व उलटियां आना, थकावट महसूस होना, चमड़ी पर दाने व हालत खराब होने पर नाक, मुंह व मसूड़ों में खून बहना।
बचाव के लिए ये सावधानियां बरतें
- कूलर, गमलों व फ्रिजों की ट्रे में खड़े पानी को सप्ताह में एक बार जरूर अच्छी तरह साफ करके सुखाओ।
- छतों पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कनों को बंद रखें।
- टूटे बर्तनों, ड्रमों व टायरों आदि को खुले में न रखें।
- घरों के आसपास पानी न खड़ा होने दें या खड़े पानी में सप्ताह में एक बार जला काला तेल डाल दें।
- यह मच्छर दिन के समय काटता है, इसलिए ऐसे कपड़े पहनें जिससे शरीर पूरी तरह ढका रहे।
- घरों व दफ्तरों में मच्छर भगाओ क्रीम/तेल आदि का इस्तेमाल करें।
- सोने के समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- बुखार में पैरासीटमोल टेबलेट का इस्तेमाल करें।