इस्लामाबाद: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार भी जनता को महंगाई से राहत दिलाने में नाकामयाब साबित हो रही है। आर्थिक मंदहाली की गर्त में डूब चुके पाकिस्तान की जनता ईंधन की कीमतों में बेताहाशा वृद्धि से बदहाल हो रही है। शहबाज सरकार ने बेचारी जनता पर महंगाई का नया बम फोड़ते हुए 1 जुलाई से प्राकृतिक गैस (LPG) की कीमतों में 43 प्रतिशत से 235 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इस वृद्धि के जरिए अधिकांश घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं से सरकार 660 अरब पाकिस्तानी रुपये (PKR) वसूलेगी।
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच बीते 11 महीनों में पाकिस्तान सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसदी बढ़ गया है। डॉन की रिपोर्ट में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के हवाले से बताया गया है कि जून 2021 में सरकार का कुल कर्ज 38.704 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए था, जो मई में बढ़कर 44.638 ट्रिलियन हो गया।
पेट्रोलियम राज्यमंत्री मुसादिक मलिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “लगभग आधे घरेलू उपभोक्ताओं को गैस की कीमतों में उछाल से बचाया गया है, लेकिन उच्च वर्ग पर बोझ काफी बढ़ गया है।” यह फैसला पाकिस्तान की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने लिया। ECC ने उन घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक बोझ डाला, जिनकी मासिक गैस खपत चार क्यूबिक मीटर तक है।