जालंधर में स्कूली बच्चों के लिए बन रहे खतरा ओवरलोडेड ट्रक, सुबह 8 बजे तक सड़कों पर मौत बन मंडरा रहे

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जालंधर : शैक्षणिक संस्थानों की गर्मियों की समय सारणी के मुताबिक स्कूली बच्चे सुबह छह बजे से ही सड़कों पर आवागमन शुरू कर रहे हैं, जबकि आठ बजे तक महानगर की सड़कों पर ओवरलोडेड टिप्पर मौत बनकर मंडराते हुए नजर आ रहे हैं। शहर में अमृतसर, पठानकोट, लुधियाना, नकोदर-मोगा हाईवे से कामर्शियल वाहन प्रवेश करते हैं और शहर के बीचो-बीच से होते हुए ट्रांसपोर्ट कंपनियों के गोदामों तक पहुंचते हैं। इनमें बजरी और रेता से लदे ओवरलोडेड टिप्पर भी शामिल रहते हैं।

अलसुबह ओवरलोड ट्रकों की तरफ से रफ्तार और ट्रैफिक सिग्नल का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता है और जल्द पहुंचने के चक्कर में ट्रक तेज रफ्तार से भागते हुए नजर आते हैं। यही वजह है कि ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में भी अलसुबह और देर शाम भारी वाहन शहर के बीचोंबीच से निकल रहे हैं।

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लगभग साढ़े पांच वर्ष पहले बीएसएफ चौक में मिट्टी के ओवरलोडेड टिप्पर के पलट जाने की वजह से अपना बेटा खो चुकी इंद्रदीप कौर मिन्हास ने कहा कि अलसुबह से लेकर देर शाम तक शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। लोगों को सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक करने के लिए अजीत सिंह फार सेफर रोड्स संस्था चला रही इंद्रदीप कौर मिन्हास ने कहा कि ओवरलोडेड कामर्शियल वाहन तो जब्त कर लिए जाने चाहिए।

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