शिमला। न्यूज़ डेस्क। राजधानी शिमला के डाउनडेल और उससे पहले कनलोग के रिहायशी इलाकों में घुसकर बच्चों का शिकार करने वाला तेंदुआ एक ही होने की आशंका है। बच्चे को मारने वाले तेंदुए को आदमखोर घोषित कर मार गिराने की तैयारी है। वन विभाग ने इसका एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। घटनास्थल के पास कैमरे लगाए गए हैं। पिंजरे भी बढ़ाए जाएंगे। दो दिन तेंदुए की आवाजाही जांची जाएगी, जिसके बाद उसे आदमखोर घोषित किया जाएगा।
डाउनडेल इलाके में दिवाली की रात पांच साल के बच्चे योगराज को उठाकर ले जाने की घटना पर गंभीरता दिखाते हुए पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव ने रविवार शाम वन विभाग और वन्यजीव विभाग के अफसरों की आपात बैठक बुलाई। इसमें वन विभाग के विशेषज्ञों से भी राय और सुझाव लिए गए।
बैठक में अफसरों ने माना कि इस तरह की घटना चिंताजनक है। बैठक में तेंदुए को पकड़ने को लेकर भी एक्शन प्लान बनाया गया है। वन विभाग का कहना है कि आदमखोर घोषित करने से पहले दिशा निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है। इसीलिए अगले दो दिन में तेंदुए की मूवमेंट चेक की जाएगी। जंगल में टीमें भेजी जाएंगी जो तेंदुए का मल मूत्र भी देखेंगी कि उसने इन दिनों क्या खाया है।
देश भर में ऐसा पहला मामला: अजय
पीसीसीएफ वन विभाग अजय श्रीवास्तव ने इस घटना के बारे में देश भर के वन विभाग के विशेषज्ञों से बात की। पीसीसीएफ ने बताया कि मुंबई, उत्तराखंड के विशेषज्ञों से उनकी बात हुई है, लेकिन ऐसा मामला कहीं सामने नहीं आया जब पटाखों के शोर के बावजूद तेंदुआ रिहायशी इलाके में आ गया हो। कहा कि जहां यह घटना हुई, वह बिलकुल जंगल से सटा क्षेत्र है। हो सकता है उस समय यहां पटाखे न चल रहे हों और तेंदुआ बेहद भूखा हो। ऐसे में वह इलाके में घुस गया। कहा कि मामला बेहद चिंताजनक है और वन विभाग इस पर गंभीर होकर काम कर रहा है। कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का भी इंतजार है, इसके बाद अगला प्लान बनेगा।
दबी जुबान में माना- तेंदुए ने ही मारा बच्चा, मिलेगा मुआवजा
वन विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सोमवार को बच्चे के परिजनों से मिलेगा। दबी जुबान में विभाग का मानना है कि तेंदुए ने ही बच्चे को मारा है। ऐसे में सोमवार को परिजनों से रिकॉर्ड लेने के बाद उचित मुआवजा राशि जारी की जाएगी। इस तरह के हमले में विभाग चार लाख रुपये तक का मुआवजा देता है। उधर, बच्चे के घर में रविवार को रिश्तेदारों और पड़ोसियों के आने का सिलसिला जारी रहा। बच्चे के माता पिता सदमे में है। पिता लोगों को यही कह रहे हैं कि वे अपने बच्चों का ध्यान रखें।
रात्रि गश्त शुरू, वन विभाग आज करेगा अलर्ट, अकेले न छोड़ें बच्चे
वन विभाग सोमवार को लोगों को अलर्ट करेगा। विभाग का कहना है कि लोग बच्चों को अकेला न छोड़ें। यह एरिया चारों ओर से जंगल से घिरा है। ऐसे में सुबह और शाम के समय बच्चों का खास ख्याल रखें। लोग भी पैदल चलते वक्त टार्च रखें और गाना गाते-बजाते हुए जाएं। विभाग ने रविवार रात से ही इलाके में रात्रि गश्त भी शुरू कर दी है।
भूखा था तेंदुआ, इसीलिए रिहायशी इलाके में आया
वन विभाग के अफसर भी हैरान हैं कि आखिर दिवाली की रात तेंदुआ रिहायशी इलाके में कैसे आ सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत भूखा होने पर तेंदुआ रिहायशी इलाके में घुस सकता है। इसने इस इलाके में बच्चों को देखा है। ऐसे में यह फिर आ सकता है।
अवशेषों के पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का अंतिम संस्कार, जानवर के बाल मिले, फॉरेंसिक लैब भेजे
पांच साल के बच्चे योगराज के अवशेषों का रविवार को आईजीएमसी में पोस्टमार्टम किया गया। इसमें जंगली जानवर के बाल मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि तीन महीने पहले कनलोग में तेंदुए ने बच्ची को जिस तरह से खाया था, उसी तरह की स्थिति इन अवशेषों की भी है। प्रारंभिक जांच और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से यह पुष्ट हो रहा है कि मासूम बच्चे को तेंदुआ ही उठाकर ले गया था। अवशेष परिजनों को सौंप दिए हैं। दोपहर बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका भुटुंगुरू ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। डीएनए जांच करवाई जा रही है।
कनलोग और डाउनडेल में एक ही तेंदुआ
कनलोग और डाउनडेल इलाके के बीच कोई रिहायश नहीं है। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि इस पूरे जंगल में यही तेंदुआ रहता है। तेंदुए का अपना इलाका होता है और यह उसे छोड़कर नहीं जाता। ऐसे में अंदेशा है कि जिसने कनलोग में पांच अगस्त को छह साल की बच्ची को उठाया था, उसी ने डाउनडेल से भी बच्चे को उठाया है।