जानिए क्यों बना 14 वर्ष का बच्चा जग्गा गुज्जर और बसूलने लगा जग्गा टैक्स ,नाम से कांपने लगे थे लोग

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लाहौर। न्यूज़ डेस्क। पाकिस्तान में राजनीतिक उठापटक और आतंकवादी घटनाओं का जिक्र हम अक्सर सुनते हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे किस्से है जिनसे हम अनजान है। इसी तरह पाकिस्तान के लाहौर में एक जग्गा गुर्जर नाम का शख्स हुआ जिससे पूरा शहर कांपता था। फिर एक दौर ऐसा आया कि लाहौर की जनता उसके नाम पर जग्गा टैक्स देती थी।

लाहौर के इस्लामिया पार्क इलाके में रहने वाले जग्गा गुर्जर का असली नाम मोहम्मद शरीफ था। शुरुआती दौर में जग्गा इलाकायी बच्चों की तरह ही जीवन गुजार रहा था लेकिन 1954 में भाई माखन गुर्जर की हत्या ने उसे अपराधी बना दिया। जग्गा के भाई का एक मेले में स्थानीय बदमाशों से झगड़ा हुआ था, जिसके चलते माखन की हत्या कर दी गई थी।

जग्गा को बस भाई की हत्या का बदला लेने का भूत सवार था। इसी बीच उसने भाई माखन के कातिल को ढूंढ निकाला और आठ दिनों में ही मौत के घाट उतार दिया। 14 की उम्र में जग्गा को हत्या के जुर्म में जेल जाना पड़ा। जेल के अंदर जाने पर वह अपने भाई की हत्या के दूसरे और अहम पहलू से रूबरू हुआ। जग्गा को साथी कैदियों से पता चला कि उसकी हत्या के पीछे लाहौर के कुख्यात बदमाश चौधरी असलम उर्फ अच्छा शोकरवाला का हाथ है।

जग्गा ने जेल में रहते हुए अच्छा शोकरवाला की हत्या की योजना बनाई। फिर अपने साथियों की मदद से अच्छा शोकरवाला पर दो बार हमला करवाया। इन हमलों में शोकरवाला के दो आदमी मारे गए लेकिन अच्छा शोकरवाला बच गया था। वहीं 1968 में परोल पर रिहा होने से पहले जग्गा गुर्जर ने शोकरवाला के एक आदमी को जेल के भीतर ही मार डाला था।

गवर्नर मूसा खान के कार्यकाल में रिहा हुए जग्गा गुर्जर ने बाहर आकर अपना गिरोह बना लिया और लाहौर के कसाई बाजार में जबरन वसूली करने लगा। वह हर बकरे की खरीद पर एक रुपया वसूलता था। कुछ महीनों तक जग्गा द्वारा वसूले गए इस टैक्स को ‘जग्गा टैक्स’ के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद कसाई बाजार से वसूला गया सारा पैसा ‘गरीबों और विधवाओं में बांट दिया जाता था।’

जग्गा गुर्जर अपने भाई की हत्या के असली हत्यारे अच्छा शोकरवाल को मार पाया या नहीं इसकी पुष्टि दस्तावेजों या मीडिया रिपोर्ट्स में नहीं मिलती है। लेकिन उसके बुरे दिन तब शुरू हुए जब लाहौर में फतह मोहम्मद खान का अफसर डिप्टी कमिश्नर बनकर आया। उसने एसएसपी और एसएचओ के साथ मिलकर जग्गा गुर्जर को नियंत्रित करने का प्लान बनाया।

पुलिस की कार्रवाई की खबर के चलते जग्गा पाक प्रशासित कश्मीर चला गया। जुलाई, 1968 में पुलिस को खबर मिली कि जग्गा अपनी मां से मिलने लाहौर आया है। कई दिनों से इसी इंतजार में बैठी पुलिस ने जग्गा और उसके साथियों को घेर लिया और एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। फिर कई सालों बाद 80 और 90 के दशक में उसके जीवन पर कई फिल्में भी बनी थी।

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