अमृतसर : मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड भी बढ़ने लग गई है। राज्य भर में डिमांड व सप्लाई में अंतर बढ़ने का प्रभाव बार्डर जोन में भी दिखाई देने लगा है। बार्डर जोन में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष डिमांड 36 प्रतिशत बढ़ गई है। इसके चलते किसानों को हर रोज आठ घंटे बिजली की सप्लाई बिना किसी रुकावट देना पावरकाम के लिए मुश्किल बना हुआ है।
धान के सीजन में इस बार बिजली सप्लाई शिफ्टों में किसानों को देने की योजना बनाई गई है। इसका किसान संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। हालांकि बार्डर जोन ने रोज किसानों को खेती के लिए आठ घंटे बिजली देने की जगह एक दिन अलग-अलग इलाकों में छोड़कर बिजली सप्लाई देनी शुरू की है। वहीं सब्जी उत्पादक किसानों को दिन में छह घंटे सप्लाई दी जा रही है। पावरकाम ने कोई भी आधिकारिक कट शहरी इलाकों और इंडस्ट्री में नहीं लगाया है। फिर भी इन दोनों क्षेत्रों को भी कट का सामना हर रोज दो से चार घंटे सहन करना पड़ रहा है। इसके तहत पैडी सीजन में आठ-आठ घंटे के तीन स्लैब में बिजली दी जाएगी। हर क्षेत्र में 24 घंटों में एक बार आठ घंटे में सप्लाई दी जाएगी। पावरकाम ने इस बार सेंट्रल पूल से भी बिजली खरीदी है। फिर भी डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर पाया जा रहा है। यह अंतर करीब 900 मेगावाट का है। इस अंतर को खत्म करने के लिए शिफ्ट सिस्टम में सप्लाई दी जाएगी। 18 मई से इन अलग-अलग जिलों में मिलेगी आठ घंटे बिजली
सरकार के आदेश पर 18 मई से धान की पनीरी लगाने के लिए बिजली एक दिन छोड़ कर आठ घंटे मिलेगी। इसके लिए विभाग ने चार तिथियों का एलान किया है। इसके तहत 18 जून से संगरूर, बरनाला, मालेरकोटला, लुधियाना, पटियाला, श्री फतेहगढ़ साहिब आदि जिलों में सप्लाई दी जाएगी। पावरकाम की ओर से 22 जून से बठिडा, मानसा, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का में सप्लाई मिलेगी। 24 जून से मोहाली, रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, जालंधर, कपूरथला, मुक्तसर आदि जिलों में सप्लाई मिलेगी। 26 जून से बार्डर जोन के गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, होशियारपुर व तरनतारन आदि जिलों में बिजली सप्लाई मिलेगी।