शिमला : अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव कुल्लू दशहरा 5 से 11 अक्तूबर तक आयोजित किया जाएगा। दशहरा उत्सव को लेकर राज्य स्तरीय कुल्लू दशहरा समिति की बैठक वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले व त्यौहार हमारी समृद्ध लोक संस्कृति के द्योतक हैं। इनका संरक्षण व संवद्र्धन सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है और इस दिशा में समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए गए हैं। कुल्लू दशहरा की प्रदेश ही नहीं, बल्कि विश्व में अपनी एक अलग पहचान है। यह हमारी धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा इसलिए विशिष्ट है क्योंकि देश के अन्य भागों में जब दशहरा उत्सव का समापन होता है तब कुल्लू का 7 दिवसीय ऐतिहासिक दशहरा उत्सव शुरू होता है।
सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश
जयराम ठाकुर ने दशहरा उत्सव के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्सव के दौरान हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रदर्शनियों के माध्यम से हिमाचल की विकास यात्रा को प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को लघु वृत्तचित्र तैयार कर इनका प्रदर्शन सुनिश्चित करने को कहा। हिमाचल तब और अब विषय पर आधारित इन वृत्तचित्रों में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग, कृषि एवं बागवानी सहित अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति को दर्शाया जाएगा।
दशहरा उत्सव में जिले के सभी देवी-देवताओं को दिया जाएगा निमंत्रण
बैठक में निर्णय लिया गया कि दशहरा उत्सव में जिले के सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा और उत्सव के दौरान धार्मिक अनुष्ठान परंपरागत ढंग से आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उत्सव में हिमाचल तथा बाहरी राज्यों के सांस्कृतिक दलों को भाग लेने के लिए आमंत्रित करने पर भी चर्चा की गई। इस मौके पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ. पंकज ललित ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में विधायक किशोरी लाल, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, मुख्य सचिव आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव सुभासीष पांडा, भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर, डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक कुल्लू गुरुदेव शर्मा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कुल्लू जिला कारदार संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।