पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रवासी वोटरों ने इस बार नहीं दिखाया रुझान -100 से भी कम वोट डाले

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होशियारपुर। साल 2022 का विधानसभा चुनाव पंजाब के इतिहास में पहला ऐसा चुनाव है, जिसमें एनआरआई ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज नहीं करवाई और मतदान प्रतिशत भी काफी कम रहा है। साल 2022 में 1300 एनआरआई मतदाताओं ने अपना पंजीकरण करवाया था, मगर 100 से भी कम मत पड़े।
पंजाब में 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 393 विदेशी मतदाताओं ने अपना पंजीकरण कराया था, जिसमें 264 पुरुष और 129 महिलाएं थीं। 2014 के लोकसभा चुनावों में विदेशी मतदाताओं की संख्या 169 थी और कोई भी वोट डालने नहीं आया था। एनआरआई को 2010 के बाद मतदान का अधिकार दिया गया था।

पंजाब का एनआरआई विदेश में आर्थिक रूप से मजबूत है। यही वजह है कि पंजाब चुनाव में राजनीतिक दलों को वित्तीय सहायता प्रदान कर और उन्हें वोट दिलाने में उनकी भूमिका काफी अहम रहती है। चुनाव में उपस्थिति दर्ज कराते हैं लेकिन मताधिकार का इस्तेमाल करने में ठंडे हो जाते हैं। साल 2022 का विधानसभा चुनाव पंजाब के इतिहास में पहला ऐसा चुनाव है, जिसमें एनआरआई ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज नहीं करवाई और मतदान प्रतिशत भी काफी कम रहा है। साल 2022 में 1300 एनआरआई मतदाताओं ने अपना पंजीकरण करवाया था, मगर 100 से भी कम मत पड़े।

पंजाब की हर दिक्कत व समस्या में बढ़ चढ़कर विदेश में आवाज बुलंद करने वाले पंजाबी एनआरआई इस बार पंजाब चुनाव से बिल्कुल दूर रहे। हालात यह कि पंजाब में 100 मत भी एनआरआई ने नहीं डाले, जबकि अकेले यूएस में पंजाबी एनआरआई की संख्या आठ लाख के आसपास है।

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