चंडीगढ़ : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक और मामले में पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय पोपली को चंडीगढ़ और संजीव वत्स को जालंधर से गिफ्तार किया है। इन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस ने आरोपियों को मंगलवार मोहाली की अदालत में पेश किया गया।
जानकारी के मुताबिक करनाल निवासी एक ठेकेदार ने पोपली के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में एक फीसदी रिश्वत मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय नवांशहर में सात करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना शुरू की गई थी।
इसमें वह एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने 12 जनवरी को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस ने दावा किया कि पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने फोन कॉल रिकॉर्ड किया और भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। पोपली ने पहले जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड का नेतृत्व किया था।