फ्रांस की राजनीति में ऐतिहासिक मोड़: 3 महीनों में गिरी सरकार, 62 साल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव पास

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इंटरनेशनल डेस्क। फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता का नया अध्याय उस समय शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार महज़ तीन महीनों में गिर गई। बुधवार को फ्रांस की संसद में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को बहुमत का समर्थन मिल गया, जिसके बाद बार्नियर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

क्या है मामला?
प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार पर विपक्ष ने कई मुद्दों पर विफलता का आरोप लगाया था, जिसमें आर्थिक सुधारों का अभाव और बढ़ती महंगाई जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल थे। विपक्ष ने सरकार पर जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
फ्रांस के 62 साल के संवैधानिक इतिहास में यह पहला मौका है जब अविश्वास प्रस्ताव पास होने के कारण किसी सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। यह घटना फ्रांस की राजनीतिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में देखी जा रही है।

आगे क्या होगा?
प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर के इस्तीफे के बाद अब फ्रांस में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। राष्ट्रपति अगले कुछ दिनों में नई सरकार के गठन के लिए प्रमुख दलों से परामर्श करेंगे। यदि सहमति नहीं बनती है, तो मध्यावधि चुनाव की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक अस्थिरता का असर
फ्रांस में इस राजनीतिक उलटफेर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई असर पड़ने की संभावना है। निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ सकती है, और यह यूरोपीय संघ के भीतर भी फ्रांस की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटनाक्रम से फ्रांस की राजनीतिक स्थिरता को लंबे समय तक झटका लग सकता है, और जनता का भरोसा राजनीतिक संस्थानों में कमजोर हो सकता है।

 

 

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