एसपी ने निजी स्कूलों को लिखा पत्र: पुलिस कर्मियों के बच्चों की फीस में मांगी रियायत, स्कूल प्रबंधकों का इनकार

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शिमला। न्यूज़ डेस्क। पुलिस विभाग और हमीरपुर जिले के निजी स्कूल संचालकों के बीच विद्यार्थियों की फीस को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, पुलिस अधीक्षक ने जिला के निजी स्कूल प्रबंधकों को पत्र लिखकर पुलिस कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल फीस में रियायत मांगी है। पुलिस विभाग ने इस पत्र में खुद को फ्रंटलाइन वर्कर बताते हुए स्कूल फीस में यथासंभव छूट देने की मांग की है। दूसरी ओर निजी स्कूल प्रबंधकों ने डेढ़ साल से स्कूल बंद रहने के चलते पेश आ रही आर्थिक परेशानियों का हवाला देते हुए किसी प्रकार की रियायत देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि कोविड-19 लॉकडाउन के चलते मार्च 2020 से निजी स्कूल संचालकों को अपने टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को वेतन, स्कूल बसों और स्कूल भवनों के रखरखाव व अन्य खर्च पूरे करने मुश्किल हो रहे हैं। यही नहीं, प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ समेत 26 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया है। निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि अगर वह पुलिस विभाग के कर्मचारियों को फीस में रियायत देते हैं तो अन्य विभागों के कर्मचारी भी अपने बच्चों की फीस कम करने की मांग लेकर स्कूल पहुंच जाएंगे।

वैसे भी कोरोना के चलते निजी स्कूलों ने इस बार कोई फीस नहीं बढ़ाई है। लंबे समय से स्कूल बंद रहने से जहां निजी स्कूल प्रबंधकों को परेशानियां झेलनी पड़ी हैं, वहीं निजी सेक्टर में सेवाएं देने वाले अभिभावक भी आर्थिक मंदी से परेशान हैं। पुलिस विभाग के सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन मिला है। सरकार से अन्य लाभ भी सरकारी कर्मचारियों को समय-समय पर मिल रहे हैं। ऐसे में पुलिस विभाग में सेवारत कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल फीस कम करना मुश्किल है।

प्रदेश सरकार से फ्रंटलाइन वर्कर के बच्चों के लिए शुल्क में छूट देने बारे कोई आदेश नहीं मिले हैं। पुलिस विभाग द्वारा निजी स्कूल प्रबंधकों को सीधे लिखे गए पत्र के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। – दिलबरजीत चंद्र, उच्चतर शिक्षा विभाग के उपनिदेशक

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