मान सरकार के ‘एक विधायक एक पेंशन’ अध्‍यादेश पर राज्यपाल बनवारी लाल ने नहीं किए हस्ताक्षर

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चंडीगढ़ : एक विधायक एक पेंशन अध्‍यादेश पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की मुहर नहीं लगी है। राज्यपाल ने फाइल पर साइन करने से मना करते हुए सरकार को सलाह दी है कि जून में होने जा रहे विधानसभा सत्र में बिल के रूप में पेश करते हुए इस पास करवाया जाए।

ध्यान रहे कि मान सरकार की ओर से बीती 2 मई को एक कैबिनेट में एक विधायक एक पेंशन अध्‍यादेश को जारी करने के लिए मंजूरी दी गई थी। लेकिन ,अब राज्यपाल की ओर से इस पर हस्ताक्षर करने से इन्‍कार करने के बाद कानून बनने तक पूर्व व मौजूदा विधायकों की पेंशनों की अदायगी जारी रहेगी।

अब विधानसभा सत्र आने पर बिल पास करवाना जरूरी हो जाएगा। इस लिए सीधे बिल को विधान सभा में पेश करते हुए इस का कानून बनाया जाएगा। अब इस काम को पूरा होने में एक से दो माह का समय लग सकता है। सरकार विधानसभा में पहले विधेयक पास करवाएगी। उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी। राजभवन से फाइल वापस आने के बाद सरकार की ओर से बिल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पहले मान सरकार को उम्मीद थी कि राज्यपाल से अध्‍यादेश की फाइल पर साइन होने के बाद इस मामले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। लेकिन अब ऐसा नहीं ले सकता। पूर्व व मौजूदा दो बार रहे विधायकों को पेंशन पहले ही तरह की मिलती रहेगी जब तक की इस पर कानून नहीं बन जाता।

राज्य में विधायकों के पास एक से ज्यादा पेंशन जा रही है। जिस कारण सरकार पर 19.53 करोड़ का वित्तीय बोझ हर साल पड़ रहा है। कई पूर्व विधायकों को पांच पांच लाख रूपये पेंशन मिल रही है। सरकार के इस फैसले से हर साल करोड़ों रुपये की बचत होगी।

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