होशियारपुर : पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण और तापमान एवं तेजी से हो रहे पर्यावरण परिवर्तन पर भारत विकास परिषद की तरफ से चिंतन बैठक प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में की गई। इस मौके पर श्री अरोड़ा ने कहा कि हमारे शास्त्रों में पृथ्वी को माता का दर्जा दिया गया है और इसने हमें जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन यापन के सभी संसाधन उपलब्ध करवाए हैं। लेकिन मनुष्य इस धरती की सुरक्षा एवं पर्यावरण संभाल को लेकर पूरी तरह से गंभीर नहीं है। जिसके चलते धरती पर वातावरण संतुलन बिगड़ रहा है। जिसके परिणाम स्वरुप जहां तापमान में वृद्धि हो रही है वहीं मानव जाति के लिए ही नहीं बल्कि पशु-पक्षीयों और वनस्पति के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है। जिसके लिए काफी हद तक मनुष्य जिम्मेदार है। क्योंकि, मानव द्वारा फैलाएं जा रहे प्रदूषण और कम किए जा रहे वनों के कारण ऐसा हो रहा है। जिससे ओजोन परस भी क्षतिग्रस्त हो रही है। जोकि तापमान बढऩे का सबसे अहम कारण है। श्री अरोड़ा ने कहा कि धरती पर बढ़ रहे हर प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए पूरे विश्व को जहां पेड़ों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए वहीं प्रदूषण बढ़ाने वाली वस्तुओं जैसे प्लास्टिक एवं लाखों सालों तक न गलने व सडऩे वाले पदार्थों पर निर्भरता कम करनी चाहिए ताकि इनसे पैदा होने वाले प्रदूषण एवं जहरीली गैसों से प्रभावित हो रहे जीवन चक्र को बचाया जा सके। इस अवसर पर सचिव राजिंदर मोदगिल एवं जगदीश अग्रवाल ने कहा कि हमें औषधिय गुणों से भरपूर पौधे जैसे तुलसी, नीम, आम, पीपल, आंवला एवं फलों के पौधे लगाने चाहिए, जोकि हमें जीनव एवं फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि तुलसी का पौधा एकमात्र ऐसा पौधा है जो हमें ओजोन गैस प्रदान करना है तथा पीपल का पेड़ हमें 24 घंटे आक्सीजन प्रदान करता है, इसीलिए इन्हें जीवन दायक पौधे कहा जाता है और इनका पूजन करने की विधि है। धरती पर जो वस्तु हमें जीवन प्रदान करती है वह पूजा योग्य है और हमें शास्त्रों का अनुसरन करते हुए पृथ्वी पर जीवन को सुखमयी बनाए रखने के लिए प्रकृति के अनुरुप कार्य करने चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए भी धरती पर जीवन सुलभ हो सके। इस मौके पर राजिंदर मोदगिल, जगदीश अग्रवाल, तरसेम मोदगिल, कुलवंत सिंह पसरीचा, तिलक राज शर्मा, शाखा बग्गा, एचके नकड़ा, मास्टर गुरप्रीत सिंह आदि मौजूद थे।